चकेरी इंस्पेक्टर के खिलाफ जांच करेंगे एडीसीपी पूर्वी

महिला उत्पीड़न के मामलों में आरोपितों के मददगार बने चकेरी इंस्पेक्टर।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 02:08 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 02:08 AM (IST)
चकेरी इंस्पेक्टर के खिलाफ जांच करेंगे एडीसीपी पूर्वी
चकेरी इंस्पेक्टर के खिलाफ जांच करेंगे एडीसीपी पूर्वी

जेएनएन, कानपुर : महिला उत्पीड़न के मामलों में आरोपितों के मददगार बने चकेरी इंस्पेक्टर अमित तोमर पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर का संज्ञान लेते हुए पुलिस आयुक्त ने दोनों ही मामलों में पीड़ितों की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज करा दी है। यही नहीं दुष्कर्म पीड़िता से अश्लील सवाल और दुष्कर्म आरोपित का शांतिभंग में चालान के मामलों में थाना प्रभारी की भूमिका की जांच एडिशनल डीसीपी पूर्वी को दी गई है। उन्हें तीन दिन में जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है।

दैनिक जागरण ने सोमवार को अंक में एसओ बोले, डिटेल में बताओ कैसे हुआ दुष्कर्म शीर्षक से खबर प्रकाशित की। इस खबर में दुष्कर्म के दो मामलों को उठाया गया, जिसमें पुलिस ने एफआइआर दर्ज नहीं की थी। एक मामले में चकेरी प्रभारी पर दुष्कर्म पीड़िता ने आरोप लगाया था कि इंस्पेक्टर ने उनसे दुष्कर्म के घटनाक्रम को लेकर अश्लील सवाल किए, जबकि दूसरे मामले में चकेरी पुलिस ने दुष्कर्म और अपहरण का प्रयास करने वाले आरोपित का शांतिभंग में चालान कर दिया था। पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने बताया कि दोनों ही मामलों में पुलिस ने पीड़ितों की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। एफआइआर की जांच शुरू कर दी गई है। जहां तक इंस्पेक्टर पर लगे आरोपों का सवाल है, उस पर एडिशनल डीसीपी पूर्वी सोमेंद्र मीणा को जांच सौंपी गई है। तीन दिन में उनसे जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है। इसके बाद ही इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई तय होगी।

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तहरीर की जुबानी सामूहिक दुष्कर्म की कहानी

पुलिस ने इंस्पेक्टर पर आरोप लगाने वाली महिला की तहरीर पर आरोपितों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। पीड़िता की तहरीर पर दीपक सिंह उर्फ सूर्या, गणेश सिंह और दीपक की मां को आरोपित किया गया है। तहरीर के मुताबिक घटना 14 जून की है। दीपक सिंह ने अपने दो साथियों के साथ उन्नाव ले जाकर उसे बंधक बना दुष्कर्म किया। 21 जून की दीपक व उसके पिता बाइक से उसे कानपुर लेकर आए और किसी परिचित के घर ले गए। चूंकि पति ने थाने में गुमशुदगी लिख दी थी, जिसमें दीपक को आरोपित किया गया था। ऐसे में अहिरवां चौकी में उसे पति के हवाले कर दिया गया। प्रताड़ना की वजह से उसकी हालत गंभीर थी, इसलिए पति कांशीराम अस्पताल ले गए। धनाभाव के चलते पति उसे लेकर घर आ गए। हालत बिगड़ी तो दीपक व उसके पिता ने उसे उन्नाव के एक अस्पताल में भर्ती कराया। बाद में पति वहां से उसे लेकर हैलट आ गए। 27 जून को मौका मिला तो कचहरी आकर उसने कुछ लिखा पढ़त की। वहीं, सोमवार को पीड़िता के थाने में महिला अधिकारी द्वारा सीआरपीसी की धारा 161 के तहत बयान दर्ज कराए गए। देर शाम मेडिकल भी कराया गया।

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इज्जत की लगाई पांच लाख रुपये कीमत

दुष्कर्म पीड़िता का आरोप है कि आरोपित शिक्षक के पिता ने उससे संपर्क किया था। उसे मुंह बंद रखने के लिए पांच लाख रुपये का लालच भी दिया गया। 17 जुलाई से वह भटक रही है। रविवार को एसीपी से मिली तो उन्होंने थाने जाने को कहा। थाने में इंस्पेक्टर अमित तोमर ने उससे बेहद आपत्तिजनक भाषा में पूछताछ की और रिपोर्ट भी दर्ज नहीं की।

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चौकी प्रभारी की भूमिका भी संदिग्ध

इंस्पेक्टर पर आरोप लगाने वाली दुष्कर्म पीड़िता ने सोमवार को मीडिया में दिए गए अपने बयानों में अहिरवां चौकी प्रभारी की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। आरोप है कि अहिरवां चौकी प्रभारी और आरोपित के पिता की जान पहचान है, इसीलिए उसे तंग किया गया।

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दूसरे मामले में छेड़छाड़ के आरोप में मुकदमा

वहीं दूसरे मामले में पुलिस ने पीड़िता द्वारा पूर्व में दी गई तहरीर के आधार पर छेड़छाड़ व बंधक बनाने की धमकी देने के आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया है। एसीपी अशोक कुमार ने बताया कि पीड़िता द्वारा छेड़छाड़ की तहरीर दी गई थी, उस पर ही मुकदमा दर्ज हुआ है। बयानों में अगर वह दुष्कर्म का आरोप लगाती है तो उसी अनुसार आगे कार्रवाई होगी। हालांकि पीड़िता की मां ने पुलिस आयुक्त को भेजे गए पत्र में शादी का झांसी देकर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया है।

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