अर्मापुर-विषधन फोरलेन के लिए 120 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण, 57 गांव की जमीन होगी शामिल
अरमापुर से विषधन तक 62 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जानी है। यह सड़क नहर की बायीं पटरी पर बनेगी और इसे कन्नौज के जनखत मंडी के पास लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे से जोडऩे की योजना है। पीडब्ल्यूडी ने सड़क की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर ली है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। अर्मापुर से विषधन तक नहर पटरी पर फोरलेन सड़क के निर्माण के लिए 120 हेक्टेयर भूमि की जरूरत है। यह भूमि वन विभाग की है। इसे वन संरक्षित श्रेणी में रखा गया है। वन विभाग ने भूमि और पेड़ों का मूल्यांकन कर लिया है और पीडब्ल्यूडी को भेज दिया है। वन विभाग ने कहा है कि नए पौधों को लगाने के बाद 10 साल तक उनके रखरखाव पर 4.33 करोड़ रुपये और पेड़ लगाने व अन्य कार्यों पर 7. 512 करोड़ रुपए खर्च होंगे। कुल 57 गांव की भूमि ली जाएगी।
अरमापुर से विषधन तक 62 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जानी है। यह सड़क नहर की बायीं पटरी पर बनेगी और इसे कन्नौज के जनखत मंडी के पास लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे से जोडऩे की योजना है। पीडब्ल्यूडी ने सड़क की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर ली है और इसकी लागत 1499 करोड़ रुपए बताया है। इसमें सड़क निर्माण , बिजली के पोल, पेड़ों की कटान नए पौधे लगाने , नहर पर पुलिया की चौड़ाई बढ़ाने आदि का कार्य शामिल है। मंडलायुक्त की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने यह सर्वे कराया है अब वन विभाग ने भी पेड़ों, भूमि क्रय मूल्य आदि का आकलन करके अपनी रिपोर्ट भेज दी है ।
जल्द ही वन विभाग और पीडब्ल्यूडी की मौके का मुआयना करेगी और फिर तय होगा कि कितना रुपया वन विभाग को दिया जाएगा। इसके बाद शासन को प्रस्ताव जाएगा। वन संरक्षित भूमि को सामान्य भूमि घोषित करने के लिए कैबिनेट को भी प्रस्ताव भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी के बाद अधिसूचना जारी होगी और फिर सड़क निर्माण के लिए बनाई गई डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट को मंजूरी मिलेगी। वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली वित्त एवं व्यय समिति के पास पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता की अध्यक्षता वाली कमेटी रिपोर्ट भेजेगी वहां से मंजूरी के बाद बजट पास पास होगा। इस मार्ग के बन जाने से कानपुर दक्षिण ही नहीं बल्कि उत्तर के लोग भी आसानी से कन्नौज , नोएडा अलीगढ़ , मथुरा आ जा सकेंगे।