ग्राम प्रधान से सबके सामने पिटवाया था, पूरे गांव में बदनाम कर दिया तो मार डाला
गांव के ही नशेबाज व उसके साथी ने वृद्धा की हत्या कबूली होली वाले दिन ली थी जान दो दिन गुमराह करते रहे शातिर।
कानपुर, जागरण संवाददाता। चार महीने से झगड़ा चल रहा था। पहली बार ही मारपीट की नौबत आ गई थी। 65 वर्षीय मुन्नी देवी ने अभद्रता का आरोप लगाकर ग्र्राम प्रधान से सबके सामने पिटवाया था। इसके बाद भी उलाहना देती थीं। पूरे गांव में बदनाम कर दिया था। तंग आकर हमेशा के लिए मुंह बंद कर दिया।
सचेंडी के रामसिंह का पुरवा गांव में वृद्धा की हत्या मामले में हत्यारोपित कमल शुक्ला ने यही इकबाल-ए-जुर्म किया। पड़ोसी विष्णु अवस्थी ने कहा कि बेइज्जती का बदला लेने के लिए उसने कमल का साथ दिया। पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया। मुन्नी देवी की होली वाले दिन गुरुवार को हत्या हुई थी। कातिल उनका मोबाइल, टॉप्स, चांदी के सिक्के व रकम लूट ले गए थे। गुजैनी से कपड़ा कारोबारी बेटे प्रदीप चतुर्वेदी जब घर पहुंचे तो घटना का पता लगा था। पुलिस ने संदेह के आधार पर पड़ोसी विष्णु अवस्थी को उठाकर पूछताछ शुरू की तो शनिवार को मुन्नी देवी के मोबाइल से ही कातिल ने प्रदीप व परिवार के अन्य सदस्यों को जान से मारने की धमकी दी। तब पुलिस ने कॉल डिटेल, वॉयस रिकार्डिंग व सर्विलांस की मदद से गांव के कमल शुक्ला को पकड़ा। उसके पास मुन्नी देवी का मोबाइल व टॉप्स बरामद हुए और घटना खुली गई।
एसपी ग्र्रामीण प्रद्युम्न सिंह ने बताया कि चार महीने पूर्व मुन्नी देवी का पड़ोसी विष्णु व कमल से घर के बाहर शराब पीने के विरोध पर झगड़ा हुआ था। प्रधान ने आकर दोनों को फटकारा था। इसके बाद फिर कई बार झगड़ा हुआ। होली वाले दिन मुन्नी देवी ने टोका तो हत्या कर दी। दोपहर एक बजे सन्नाटा होने पर मुन्नी देवी के घर में घुसे और साड़ी से गला कसकर हत्या की। टॉप्स, मोबाइल ले गए।
प्रधान को फंसाने के लिए लिया नाम
पकड़े जाने के बाद कमल एक प्रधान से बदला लेने के लिए उसका व उसके बेटे का नाम भी लिया था। जबकि कमल के पिता अशोक उसी प्रधान के यहां नौकरी करते हैं। ग्र्रामीणों से पूछताछ में आरोप फर्जी निकले।
सचेंडी के रामसिंह का पुरवा गांव में वृद्धा की हत्या मामले में हत्यारोपित कमल शुक्ला ने यही इकबाल-ए-जुर्म किया। पड़ोसी विष्णु अवस्थी ने कहा कि बेइज्जती का बदला लेने के लिए उसने कमल का साथ दिया। पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया। मुन्नी देवी की होली वाले दिन गुरुवार को हत्या हुई थी। कातिल उनका मोबाइल, टॉप्स, चांदी के सिक्के व रकम लूट ले गए थे। गुजैनी से कपड़ा कारोबारी बेटे प्रदीप चतुर्वेदी जब घर पहुंचे तो घटना का पता लगा था। पुलिस ने संदेह के आधार पर पड़ोसी विष्णु अवस्थी को उठाकर पूछताछ शुरू की तो शनिवार को मुन्नी देवी के मोबाइल से ही कातिल ने प्रदीप व परिवार के अन्य सदस्यों को जान से मारने की धमकी दी। तब पुलिस ने कॉल डिटेल, वॉयस रिकार्डिंग व सर्विलांस की मदद से गांव के कमल शुक्ला को पकड़ा। उसके पास मुन्नी देवी का मोबाइल व टॉप्स बरामद हुए और घटना खुली गई।
एसपी ग्र्रामीण प्रद्युम्न सिंह ने बताया कि चार महीने पूर्व मुन्नी देवी का पड़ोसी विष्णु व कमल से घर के बाहर शराब पीने के विरोध पर झगड़ा हुआ था। प्रधान ने आकर दोनों को फटकारा था। इसके बाद फिर कई बार झगड़ा हुआ। होली वाले दिन मुन्नी देवी ने टोका तो हत्या कर दी। दोपहर एक बजे सन्नाटा होने पर मुन्नी देवी के घर में घुसे और साड़ी से गला कसकर हत्या की। टॉप्स, मोबाइल ले गए।
प्रधान को फंसाने के लिए लिया नाम
पकड़े जाने के बाद कमल एक प्रधान से बदला लेने के लिए उसका व उसके बेटे का नाम भी लिया था। जबकि कमल के पिता अशोक उसी प्रधान के यहां नौकरी करते हैं। ग्र्रामीणों से पूछताछ में आरोप फर्जी निकले।