खाताधारक बैंक आए भी नहीं और निकल गए एक करोड़, सीबीआइ जांच शुरू

शाखा में 17 सितंबर 2014 को एक साथ 10 बैंक खाते खोले गए। ये सभी बचत खाते थे। इन खातों को खोलने में सभी नियमों को ताख पर रख दिया गया। इसके लिए कोई अकाउंट ओपनिंग फार्म नहीं भरवाए गए। नमूना हस्ताक्षर कार्ड पर हस्ताक्षर भी नहीं लिए गए

By Akash DwivediEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 06:10 AM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 06:10 AM (IST)
खाताधारक बैंक आए भी नहीं और निकल गए एक करोड़, सीबीआइ जांच शुरू
रुपये निकालते समय विदड्राल फार्म भरवाए। इस बिंदु को सीबीआइ ने भी अपनी जांच में पकड़ा था

कानपुर, जेएनएन। सीबीआइ ने पंजाब नेशनल बैंक की मेस्टन रोड शाखा के जिन फर्जी खातों की दोबारा जांच शुरू की है, उसमें खास बात यह है कि एक भी खाताधारक बैंक आया भी नहीं और सबके खाते बंद भी हो गए और उनके खातों से लाखों रुपये एक ही दिन में निकल गए। ये सभी खाते एक ही दिन में खुले थे और फिर सभी एक ही दिन में एक साथ बंद हो गए। बैंक ने इस संबंध में अपनी जांच रिपोर्ट जारी की तो उसने माना कि शाखा प्रबंधक ने खाते खोलते समय ना तो किसी की केवाईसी जमा कराई ना ही रुपये निकालते समय विदड्राल फार्म भरवाए। इस बिंदु को सीबीआइ ने भी अपनी जांच में पकड़ा था।

पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में 17 सितंबर 2014 को एक साथ 10 बैंक खाते खोले गए। ये सभी बचत खाते थे। इन खातों को खोलने में सभी नियमों को ताख पर रख दिया गया। इसके लिए कोई अकाउंट ओपनिंग फार्म नहीं भरवाए गए। नमूना हस्ताक्षर कार्ड पर हस्ताक्षर भी नहीं लिए गए। इतना ही नहीं किसी भी खाताधारक का कोई भी केवाईसी पेपर तक नहीं लिया गया। उस दौरान शाखा प्रबंधक नफीस अहमद सिद्दीकी थे। इन सभी 10 खातों में 10-10 लाख रुपये डाले गए थे। 17 सितंबर 2014 को ये सभी खाते एक साथ खोले गए थे। इस तरह इन खातों में एक करोड़ रुपये जमा किए गए थे। मात्र सात माह बाद इन सभी खातों से 16 अप्रैल 2015 को सारा धन निकाल लिया गया और उसी दिन सभी खाते एक ही दिन में बंद कर दिए गए।

इन खातों के संचालन में बैंक प्रबंधन कितनी गड़बड़ी कर रहा था, इसका अंदाजा इसी से लगता है कि 10 में से किसी भी खाते से रुपये निकालने कोई भी ग्राहक बैंक नहीं आया। इसके लिए कोई विदड्राल फार्म भी बैंक के अधिकारियों ने नहीं भरवाया और रुपया सबके खातों से निकल गया। इस मामले में बैंक ने अपनी रिपोर्ट में भी स्वीकार किया कि शाखा प्रबंधक ने खाताधारक से कोई ऐसा कागज नहीं लिया जिससे उसकी पहचान की जा सकती। इसके अलावा कोई पते का प्रूफ भी नहीं लिया गया। 

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