बिधनू में अनियंत्रित डंपर ने तोड़े नौ बिजली के पोल, चपेट में आकर दो मासूम समेत चार घायल

पुत्तीपुरवा गांव निवासी किसान लाल सिंह की सात वर्षीय बेटी रोमा और 5 वर्षीय बेटा अंकित गुरुवार देर शाम चौराई चौराहे पर स्थित दुकान से बिस्किट खरीदने गए हुए थे। तभी सजेती निवासी डंपर चालक संदीप छौंकी गांव से ग्राम प्रधान मटरू के दरवाजे गिट्टी उतारकर लौट रहा था।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 10:08 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 10:08 PM (IST)
बिधनू में अनियंत्रित डंपर ने तोड़े नौ बिजली के पोल, चपेट में आकर दो मासूम समेत चार घायल
चपेट में आकर दो मासूम भाई बहन समेत चार लोग घायल हो गए।

कानपुर, जागरण संवाददाता। बिधनू चौराई गांव में चौराहे के पास ग्राम प्रधान के दरवाजे गिट्टी उतारकर लौट रहे अनियंत्रित डंपर ने सड़क किनारे लगे नौ बिजली के पोल तोड़ दिए। बिजली के पोल और केबिल की चपेट में आकर दो मासूम भाई बहन समेत चार लोग घायल हो गए। मासूम भाई- बहन की गंभीर हालत देख एलएलआर अस्पताल रेफर कर दिया गया। भीड़ ने डंपर चालक को पकड़कर जमकर पीटा और पुलिस को सौंप दिया।

चौराई ग्राम पंचायत के मजरा पुत्तीपुरवा गांव निवासी किसान लाल सिंह की सात वर्षीय बेटी रोमा और 5 वर्षीय बेटा अंकित गुरुवार देर शाम चौराई चौराहे पर स्थित दुकान से बिस्किट खरीदने गए हुए थे। तभी सजेती निवासी डंपर चालक संदीप छौंकी गांव से ग्राम प्रधान मटरू के दरवाजे गिट्टी उतारकर लौट रहा था। चौराई चौराहे के पास डंपर अनियंत्रित हो गया। जिससे डंपर सड़क किनारे लगे एलटी लाइन के नौ पोल तोड़ दिए। बिजली के पोल और केबिल की चपेट में आकर मासूम रोमा और अंकित गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं गांव रामखेड़ा निवासी अनुज और ध्यानचंद भी गिरकर घायल हो गया। चालक ने भागने के चक्कर में सड़क किनारे खड़ी ज्ञानी की बाइक और कैलाश की साइकिल को क्षतिग्रस्त कर दिया। आक्रोशित भीड़ ने घेराव कर चालक को पकड़कर पिटाई शुरू कर दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने भीड़ की गिरफ्त से चालक को छुड़ाकर थाने ले गई। गंभीर रूप से घायल मासूम भाई बहन को सीएचसी में भर्ती कराया गया। जहां से डाक्टर ने एलएलआर अस्पताल के लिए दोनों को रेफर कर दिया। थाना प्रभारी अतुल कुमार सिंह ने बताया कि चालक को हिरासत में लेकर कार्रवाई की जा रही है।

केबिल लाइन न होती तो हो सकता था बड़ा हादसा:एक वर्ष पहले चौराई ग्राम पंचायत में विद्युतीकरण के तहत विभाग ने एलटी लाइन के खुले तार हटाकर कर केबिल लाइन डाल दी थी। घटना के वक्त बिजली आपूर्ति हो रही थी। केबिल लाइन होने से करंट की चपेट में कोई नहीं आ सका। खुले तार होते तो चौराहे पर एकत्र भीड़ करंट की चपेट में आ सकती थी। साथ ही स्पार्किंग से आसपास बने घर और दुकानों में आग लग सकती थी। 

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