राष्ट्रपति आवास की राहों में अव्यवस्थाओं का निवास
देश के सर्वोच्च पद पर आसीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द हमारे शहर के गौरव हैं।
जेएनएन, कानपुर : देश के सर्वोच्च पद पर आसीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द हमारे शहर के गौरव हैं, लेकिन अगर आप उनके आवास तक जाना चाहते हैं तो जाम, गंदगी और अव्यवस्थाओं से निपटने के लिए तैयार रहें। राष्ट्रपति आवास तक पहुंचने के तीनों रास्ते खस्ताहाल हैं।
पहला रास्ता : उनके आवास को जोड़ने वाली मुख्य सड़क कल्याणपुर जीटी रोड से इंदिरानगर की है। जीटी रोड से इंदिरानगर जाने से पहले अतिक्रमण और जाम आपका रास्ता रोकने के लिए तैयार मिलेंगे। रोड पर ही लोगों ने कब्जा करके दुकानें बना रखी हैं। इतना ही नहीं जल निगम ने पाइप डालने के लिए खोदी सड़क को भी अभी तक ठीक नहीं किया। रात में आप इस सड़क पर निकल रहे है तो टार्च साथ में लेकर निकले। यहां कई लाइटें बंद पड़ी हैं।
दूसरा रास्ता : राष्ट्रपति के आवास पहुंचने के लिए दूसरा रास्ता जीटी रोड से विकास नगर, मकड़ीखेड़ा रोड होते हुए इंदिरानगर से आने वाला है। यहां पर जल निगम ने बीच-बीच में सड़क खोद रखी है। मकड़ीखेड़ा में पेट्रोल पंप के पास ही सड़क खोदी पड़ी है। पानी भरा हुआ है। इसके आगे बढ़ने पर बीच-बीच में कई जगह सड़क उखड़ी है। इंदिरानगर जाने वाले रास्ते में ही कम से कम दस फीट रोड में पानी भरा है। इसी के पास नगर निगम द्वारा आधी सड़क पर नाला बनाया जा रहा है। यहां से सौ मीटर दूरी पर ही राष्ट्रपति आवास का रास्ता है।
तीसरा रास्ता : जीटी रोड से बिठूर जाने और बिठूर से जीटी रोड आने वाला रास्ता है। जीटी रोड से जाने पर पहले टेंपो वालों के जमावड़े और जाम से जूझना पड़ता है। यहां से अंदर जाने पर कई जगह रास्ता उखड़ा पड़ा है। कब्जों के कारण रास्ता भी संकरा हो गया है। बैरी के पास राष्ट्रपति के आवास के लिए सड़क जाती है। सौ मीटर पहले ही सड़़क खतरनाक है। नाले भी चोक पड़े हैं। इस रास्ते में भी लाइटें बंद पड़ी हैं।
एनजीटी के आदेश की भी उड़ रही धज्जियां : जीटी रोड से इंदिरानगर जाने वाले रास्ते में जगह-जगह खुले में निर्माण सामग्री फैली पड़ी है। खुले में सामग्री रखी होने के कारण लोगों का निकलना मुश्किल हो जाता है। एनजीटी के आदेश है कि खुले में सामग्री न डाली जाए। इसके बावजूद एनजीटी के आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है।
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राष्ट्रपति उनके क्षेत्र में रहते हैं। यह गर्व की बात है, लेकिन क्षेत्र की हालत देखकर कोई नहीं कह सकता है। सड़कें टूटी पड़ी है।
- आलोक मिश्र इंदिरा नगर
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राष्ट्रपति एक बार अपने आवास आकर क्षेत्र की स्थिति देख ले तो शायद अफसर समस्याओं का निराकरण करा देंगे।
- आदित्य गुप्ता इंदिरा नगर