हिंदी अखबार के प्रथम संपादक के पैतृक गांव में बनेगा स्मारक, ‘दैनिक जागरण’ की खबर पर उन्नाव कलेक्टर की पहल

‘दैनिक जागरण’ में प्रकाशित खबर का संज्ञान लेकर उन्नाव के कलेक्टर रवींद्र कुमार की पहल पर पर्यटन विभाग ने जिला प्रशासन से पूरा ब्योरा मांगते हुए इस दिशा में कदम बढ़ाए हैं। पंडित जुगुल किशोर सुकुल के भाटनखेड़ा गांव में जमीन उपलब्धता की मांगी रिपोर्ट।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 09:22 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 09:24 AM (IST)
हिंदी अखबार के प्रथम संपादक के पैतृक गांव में बनेगा स्मारक, ‘दैनिक जागरण’ की खबर पर उन्नाव कलेक्टर की पहल
भाटनखेड़ा गांव स्थित पंडित जुगुल किशोर सुकुल का पैतृक घर। जागरण

शिवा अवस्थी, कानपुर। देश में हिंदी के पहले अखबार उदन्त मार्त्तण्ड की कलकत्ता (अब कोलकाता) से शुरुआत करने वाले, हिंदी पत्रकारिता के प्रवर्तक, प्रथम पत्रकार-संपादक पंडित जुगुल किशोर शुक्ल की यादें सहेजी जाएंगी। उन्नाव की बीघापुर तहसील अंतर्गत स्थित पैतृक गांव भाटनखेड़ा में अब स्मारक बनाया जाएगा। यहां आकर आने वाली पीढ़ियां हिंदी पत्रकारिता के जनक के बारे में जान सकेंगी।

‘दैनिक जागरण’ में प्रकाशित खबर का संज्ञान लेकर उन्नाव के कलेक्टर रवींद्र कुमार की पहल पर पर्यटन विभाग ने जिला प्रशासन से पूरा ब्योरा मांगते हुए इस दिशा में कदम बढ़ाए हैं। ‘दैनिक जागरण’ ने 30 मई, 2021 के अंक में ‘प्रथम संपादक की याद में नहीं है एक भी स्मारक’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसमें पंडित जुगुल किशोर सुकुल के पैतृक गांव की भी जानकारी दी गई थी, जिसे जागरण ने खोज निकाला था। इसके बाद भारतीय जनसंचार संस्थान (आइआइएमसी) ने 17 जून को अपने पुस्तकालय का नाम पंडित जुगुल किशोर सुकुल ग्रंथालय एवं ज्ञान संसाधन केंद्र रखकर मिसाल पेश की।

‘दैनिक जागरण’ की खबर पर उन्नाव कलेक्टर की पहल

कानपुर : 30 मई को प्रकाशित खबर

इधर, उन्नाव के कलेक्टर रवींद्र कुमार ने 30 मई को ही महानिदेशक पर्यटन लखनऊ को पत्र लिखा था कि जुगुल किशोर सुकुल के गांव में पैतृक घर को स्मारक के रूप में विकसित कराने को टीम भेजकर सर्वे कराने का शासन स्तर से निर्णय लें। इसके बाद लखनऊ एवं कानपुर मंडल के क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव ने पत्र लिखकर पंडित जुगुल किशोर के पैतृक गांव भाटनखेड़ा में निश्शुल्क जमीन उपलब्धता की रिपोर्ट मांगी है। साथ ही उनके वर्षो पुराने जर्जर पैतृक घर की फोटो व राजस्व अभिलेख भेजने को कहा है।

शासन स्तर पर उनके पैतृक घर को स्मारक के रूप में विकसित करने के लिए इसकी जरूरत बताई गई है। स्मारक के लिए पैतृक घर देने को तैयार: पंडित जुगुल किशोर को अपना पूर्वज बताने वाले भाटनखेड़ा निवासी 62 वर्षीय शरदचंद्र शुक्ल कहते हैं, स्मारक बनाने के लिए पैतृक घर की जमीन निश्शुल्क शासन को देने को तैयार हैं। जिला प्रशासन व पयर्टन विभाग की हरसंभव मदद करेंगे। स्थानीय लोगों को इसका इंतजार है।

उन्नाव के कलेक्टर रवींद्र कुमार ने बताया कि क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी का पत्र मिला है। पंडित जुगुल किशोर सुकुल के पैतृक गांव में स्थित आवास, जमीन की उपलब्धता संबंधी रिपोर्ट एसडीएम बीघापुर से मांगी है। जून के अंत तक रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी।

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