संसाधनों के अभाव में 90,000 से अधिक छात्र टीवी से पढ़ाई कर पाने में अक्षम, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

यूपी बोर्ड के आला अफसरों की मेहनत पर फिर रहा पानी ऑनलाइन पढ़ाई ठप अधिकतर छात्र ग्रामीण परिवेश से आते हैं आसपास के कई स्कूलों में रखे गए ड्राप बॉक्स पढ़ाई न कर पाने से विद्यार्थियों का हो रहा नुकसान

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 22 Sep 2020 12:35 PM (IST) Updated:Tue, 22 Sep 2020 12:35 PM (IST)
संसाधनों के अभाव में 90,000 से अधिक छात्र टीवी से पढ़ाई कर पाने में अक्षम, रिपोर्ट में हुआ खुलासा
टीवी के माध्यम से पढाई करने का सांकेतिक चित्र

कानपुर, जेएनएन। कोरोना महामारी और लॉकडाउन में विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए यूपी बोर्ड ने स्वयंप्रभा व डीडी उत्तर प्रदेश चैनल पर विषय-विशेषज्ञों के वीडियो का प्रसारण शुरू कराया था। हालांकि उस समय इस सुविधा का जोरों से प्रचार-प्रसार भी किया गया था। वर्तमान समय में जिले की स्थिति यह है, कि 90,000 से अधिक छात्र टीवी से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। इनमें नौवीं से लेकर 12वीं तक के छात्र शामिल हैं।

17 सितंबर को डीआइओएस ने इस आंकड़े के साथ रिपोर्ट तैयार कर बोर्ड को भेजी है। इनमें से अधिकतर छात्र ग्रामीण परिवेश से आते हैं। संसाधनों की कमी के चलते वह ऑनलाइन पढ़ाई से दूर हैं। इस व्यवस्था का बतौर नोडल प्रभारी के रूप में जिम्मा संभाल रहे अखिलेश बाजपेयी ने बताया कि ऐसे छात्रों के लिए उनके घर के आसपास विद्यालयों में ड्रॉप बॉक्स लगवाए गए हैं। जिनमें छात्र अपनी समस्या लिखकर पत्र को ड्रॉप कर सकते हैं। उन सभी सवालों का जवाब संबंधित विद्यालय के शिक्षकों को देना होगा।

ये हैं आंकड़े

आंकड़ों पर नजर डालें तो कक्षा नौ के 31,313, कक्षा दस के 14,969, कक्षा 11 के 29,735 और कक्षा 12 के 13,990 विद्यार्थी पढ़ाई से वंचित हैं। 

chat bot
आपका साथी