प्रदेश के साढ़े पांच लाख शिक्षकों में 60 का हुआ चयन, कानपुर में एसआरजी रहे राजेश को जिम्मा
5.5 लाख शिक्षकों में जिले से एसआरजी राजेश को मिला जिम्मा इन चार नए माड्यूल को बनाने के लिए प्रदेश के साढ़े पांच लाख शिक्षकों में कुल 60 शिक्षकों को चुना गया। जिले के अंदर स्टेट रिसोर्स ग्रुप पर्सन (एसआरजी) के सदस्य राजेश यादव को यह जिम्मा मिला है।
कानपुर, जेएनएन। परिषदीय विद्यालयों में सामान्य बच्चों के अलावा जो बच्चों का अन्य वर्ग पढ़ाई करता है, उनमें अधिकतर दिव्यांग और कुछ आउट आफ स्कूल्स वाले बच्चे शामिल हैं। सामान्य बच्चों को बेहतर ढंग से पढ़ाने के लिए विभाग लगातार एप व कई अन्य आधुनिक सुविधाएं मुहैया करा चुके है। अब फोकस, दिव्यांग व आउट आफ स्कूल्स वाले बच्चों पर होगा। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। विभाग की ओर से चार नए माड्यूल तैयार कराए जाएंगे, जिसके संबंध में पहली और अहम बैठक शुक्रवार को निदेशालय की ओर से आनलाइन कराई जाएगी। हर माड्यूल को तैयार करते समय किन बातों का ध्यान रखना है, सी-मैट के विशेषज्ञ यह जानकारी उन शिक्षकों को देंगे जिनकी टीम माड्यूल बनाने के लिए गठित की गई है।
5.5 लाख शिक्षकों में जिले से एसआरजी राजेश को मिला जिम्मा: इन चार नए माड्यूल को बनाने के लिए प्रदेश के साढ़े पांच लाख शिक्षकों में कुल 60 शिक्षकों को चुना गया। उन 60 में से जिले के अंदर स्टेट रिसोर्स ग्रुप पर्सन (एसआरजी) के सदस्य राजेश यादव को यह जिम्मा मिला है। राजेश ने बताया कि वह अपने साथ इस काम में तीन शिक्षकों का सहयोग लेंगे। वहीं चार माड्यूल के लिए 15-15 शिक्षकों की टीम बनाई गई है।
इनका ये है कहना:
जैसे ही चार नए माड्यूल तैयार करा दिए जाएंगे, वैसे ही उनकी जानकारी के साथ दिव्यांग व आउट आफ स्कूल्स बच्चों को बेहतर ढंग से पढ़ाने की शुरुआत होगी। - डा.पवन तिवारी, बीएसए