कर्ज में डूबी श्रीलक्ष्मी कॉटसिन की नोएडा यूनिट 11.7 करोड़ में नीलाम, जल्द ही अन्य शाखाएं भी होंगी नीलाम
Shree Lakshmi Cotsyn Company Auctioned कंपनी की कानपुर समेत पांच यूनिटों के लिए इस माह के अंत तक होगी दूसरी नीलामी। तीन हजार करोड़ थे बकाया ब्याज व पेनाल्टी मिलाकर हो गए हैं सात हजार करोड़ रुपये। पूरे प्रदेश के 20 जोन में 12 सौ कारोबारियों का भी होगा ऑडिट।
कानपुर, जेएनएन। Shree Lakshmi Cotsyn Company Auctioned एक जमाने में टेक्सटाइल इंडस्ट्री में अपना सिक्का चलाने वाली श्रीलक्ष्मी कॉटसिन लिमिटेड की नोएडा यूनिट 31 मार्च को नीलाम हो गई। कर्ज तले दबी इस कंपनी को बेचने की कवायद तीन साल से चल रही थी। सात यूनिटों में कंफर्टन (अंग्रेजी रजाई) बनाने वाली नोएडा यूनिट काफी प्रयासों के बाद नीलाम हुई। नीलामी के लिए नोएडा यूनिट का बेस प्राइस छह करोड़ 10 लाख रुपये रखा गया था। ऑनलाइन नीलामी में 18 खरीदारों के बीच 75 राउंड बोली चली और अंत में 11 करोड़ 70 लाख रुपये में यह यूनिट बिक गई।
अब इस माह के अंत तक कानपुर, अभयपुर फतेहपुर, मलवां फतेहपुर, रेवाड़ी बुजुर्ग फतेहपुर और रुड़की यूनिटों को नीलाम किया जा सकता है। श्री लक्ष्मी कॉटसिन लिमिटेड पर बैंकों का तीन हजार करोड़ रुपये बकाया था। ब्याज व पेनाल्टी मिलाकर यह रकम बढ़कर करीब सात हजार करोड़ रुपये पहुंच गई है। सेंट्रल बैंक, यूनियन बैंक, स्टेट बैंक, इंडियन बैंक व केनरा बैंक की ओर से दिया गया कर्ज इसमें शामिल है। बैंकों ने लिक्विडेटर को जो रिपोर्ट दी है, उसके मुताबिक ब्याज व पेनाल्टी मिलाकर कर्ज की रकम बढ़ गई है।
साढ़े पांच सौ करोड़ रुपये आंकी गई थी कंपनी की कीमत: वर्ष 2018 में कंपनी की कीमत साढ़े पांच सौ करोड़ रुपये आंकी गई थी। वेलस्पन व ट्राइजेंट ने कंपनी खरीदने में रुचि दिखाई थी, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी। विलय के मद्देनजर इन दोनों कंपनियों को अपना प्लान जमा करना था। इसके बाद बैंकों की मीङ्क्षटग बुलाई जानी थी। ऐसा नहीं हुआ। कर्ज की रकम अदा करने के मद्देनजर नेशनल ट्रिब्यूनल लॉ कोर्ट ने नीलामी के आदेश दिए। इसके बाद लिक्विडेटर ने नीलामी की प्रक्रिया शुरू की। इससे पहले श्रीलक्ष्मी कॉटसिन लिमिटेड ने कंपनी मर्ज करने के लिए बैंकों को 650 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया था, लेकिन बैंक एक हजार करोड़ से कम पर नहीं माने थे।
लक्ष्मी कॉटसिन समेत जांच के दायरे में 120 कंपनियां: श्री लक्ष्मी कॉटसिन समेत शहर की 120 कंपनियों को जांच के दायरे में लिया गया है। पता लगाया जा रहा है कि जीएसटी लागू होने के बाद पहले दो वर्ष में कंपनियों ने किस तरह कारोबार किया। इनमें कार शोरूम, लोहा और रसोई मसालों की कंपनियां शामिल हैं। इसके साथ ही जीएसटी लागू होने के बाद पहली बार वाणिज्यकर विभाग प्रदेशभर में 1,200 कारोबारियों का भी ऑडिट करने जा रहा है। इसमें यह जांचा जाएगा कि जो रिटर्न दाखिल किया जा रहा है, वह सही है या नहीं। जरूरत पडऩे पर उनसे कागजात भी मांगे जा सकते हैं। ये सभी कंपनियां और फर्म उस मानक पर ऑडिट के लिए चुनी गई हैं, जो पिछले वर्ष तय हुए थे। इसमें बड़े, मध्यम और छोटे कारोबारी भी शामिल हैं। कानपुर में दो जोन हैं, जिनमें 60-60 कारोबारी शामिल किए गए हैं। अब संयुक्त आयुक्त (ऑडिट) इन कंपनियों की जांच करेंगे।
इनका ये है कहना
मुख्यालय स्तर पर ऑडिट के लिए ये नाम तय किए गए हैं। संयुक्त आयुक्त ऑडिट अपने-अपने जोन की कंपनियों की जांच करेंगे। -पीके सिंह, एडीशनल कमिश्नर, ग्रेड वन जोन वन, कानपुर।