नगर निगम को फिक्र नहीं, रात में संभल कर चलें

आधे शहर की खराब पड़ीं लाइटें, गड्ढायुक्त सड़कों पर बढ़ा खतरा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Aug 2018 04:28 PM (IST) Updated:Tue, 28 Aug 2018 04:28 PM (IST)
नगर निगम को फिक्र नहीं, रात में संभल कर चलें
नगर निगम को फिक्र नहीं, रात में संभल कर चलें

जागरण संवाददाता, कानपुर : एक तो शहर की गड्ढायुक्त सड़कें, ऊपर से एलईडी लाइटें बंद। यानी दुर्घटनाओं का पूरा इंतजाम। आधा शहर अंधेरे में होने के बाद भी नगर निगम का अमला सो रहा है। मार्ग प्रकाश विभाग में 316 अफसर व कर्मचारी तैनात हैं लेकिन इन खराब लाइटों को सही कराने की फुर्सत किसी के पास नहीं है।

महापौर प्रमिला पांडेय को बताया गया था कि मार्ग प्रकाश विभाग खत्म करके कर्मचारी दूसरे विभागों में भेजे दिए गए हैं। सोमवार को जब महापौैर ने खुद मार्ग प्रकाश की फाइल जांची तो इस झूठ का खुलासा हुआ। सोडियम लाइटें हटाकर ईईएसएल कंपनी ने एलईडी लाइट लगा दी हैं, कागज में पूरी लग भी गई हैं। हालांकि नगर निगम की जांच में 11200 एलईडी लाइट कम हैं। वहीं लगी लाइटें भी नहीं जल रही हैं। लगातार आ रही शिकायतों पर खुद महापौर ने रविवार शाम स्कूटी से निकलकर तीन घंटे तक लाइटों को देखा तो तमाम बंद मिलीं। इससे खफा महापौर ने सोमवार को नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा, मार्ग प्रकाश विभाग के प्रभारी आरके पाल और ईईएसएल के अखिलेश कुमार को कार्यालय बुलाया। मार्ग प्रकाश विभाग में तैनात अभियंताओं व कर्मचारियों के बारे में पूछा तो महापौर चौक गई कि 316 कर्मचारियों का अमला है। दूसरे विभागों में समायोजित भी नहीं किया गया। इस पर अफसरों को फटकार लगाई। कहा कि 15 दिन में बंद लाइटें नहीं जलीं तो खैर नहीं। वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना के समक्ष रखेंगी। लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई होगी।

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मार्ग प्रकाश विभाग की फौज

अवर अभियंता - 06

आउटसोर्सिग अभियंता- 10

लाइन मैन - 110

स्विच मैन - 100

एवजदार - 90

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जोनल प्रभारी रोज तीन घंटे करेंगे जांच

नगर आयुक्त ने सभी जोनल प्रभारियों को आदेश दिए हैं कि वह रात आठ बजे से 11 बजे तक रोज अपने जोन में लाइटों को देखेंगे। बंद लाइटों को चिह्नित करके चालू कराएंगे। वह प्रतिदिन अपनी रिपोर्ट देंगे।

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नगर आयुक्त को बंद मिलीं एलईडी लाइट

अंधेरे में डूबे मार्गो का सच सोमवार रात नगर आयुक्त के सामने भी आ गया। शिकायत मिलने के बाद देर रात निकले नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा को शहर की तमाम सड़कें अंधेरे में मिलीं। उन्होंने मार्ग प्रकाश प्रभारी आरके पाल को फटकार लगा कंपनी को नोटिस देने के आदेश दिए।

नगर आयुक्त अफसरों के साथ रात साढ़े नौ बजे हकीकत देखने निकले। सबसे मोतीझील होते हुए मरियमपुर चौराहे पहुंचे। इस दौरान कई जगह लाइट बंद मिलीं। विजय नगर चौराहा से फजलगंज के बीच तमाम एलईडी लाइटें नहीं जल रही थीं। यहां से चावला मार्केट होते हुए पराग दूध डेरी पहुंचे। रास्ते में कई लाइट बंद थीं। सोटे वाले बाबा मंदिर किदवई नगर होते हुए बारादेवी मंदिर चौराहे पहुंचे। यहां भी कई लाइट खराब थीं। अफीम कोठी से जरीब चौकी चौराहे तक लाइटें बंद मिली। उन्होंने कंपनी को नोटिस देने के आदेश दिए। इसके बाद गुमटी नंबर पांच होते हुए मोतीझील पहुंचे। अफसरों से कहा कि जहां-जहां लाइट बंद हैं, चालू कराया जाए।

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गंदगी मिलने पर हटाए दो सफाई नायक

जवाहर नगर में चौतरफा गंदगी मिलने पर नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा ने दो सफाई नायकों को मौके से हटा दिया। साथ ही चेतावनी दी कि भविष्य में गंदगी मिलने तो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया जाएगा। कमला नेहरू पार्क जवाहर नगर में शौचालय में गंदा मिला और पार्क में बड़ी-बड़ी घास उग आई थी। पार्क को व्यवस्थित करने के आदेश दिए। आठ माली मिलने। पार्क में आवारा जानवर मिले। साथ ही हाथ कूड़ा गाड़ी पार्क में रखी मिली उनको उठाने के आदेश दिए।

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नहीं लगे हैंडपंप, अफसर तलब

बारिश शुरू हो जाने के बाद भी जलकल हैंडपंप नहीं लगवा पाए है। इस मामले में महापौर ने जलकल महाप्रबंधक व पार्षदों की बैठक बुलाई है। महापौर प्रमिला पांडेय ने बताया कि ठेका केडीए के कर्मचारी नेता के मिलने वाले को मिला है। अभी तक हैंडपंप लगने नहीं शुरू हुए है। इसको लेकर पार्षदों में भी आक्रोश है। लेट लतीफी को लेकर जलकल अफसरों को बुलाया है।

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सूअरों के आतंक से दहशत में जिंदगी

गलियों से लेकर सड़कों तक घूम रहे सूअर शहर की सफाई पर धब्बा लगा रहे हैं। प्रमुख इलाके तक इनके आतंक से अछूते नहीं हैं। सवा लाख से ज्यादा सूअरों ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं पर नगर निगम इनके आगे घुटने टेक चुका है। नगर निगम के कैटल कैचिंग दस्ते ने कई माह से एक भी सूअर नहीं पकड़ा है। हर बार फोर्स न होने का रोना रोया जाता है। आर्यनगर, स्वरूप नगर, नवाबगंज, विष्णुपुरी, जवाहरनगर, रामबाग, 80 फीट रोड, गुमटी नंबर पांच, नेहरू नगर, गांधी नगर, तिलक नगर, सर्वोदय नगर, काकादेव, लालबंगला रोड में सूअरों का जमावड़ा लगा रहता है। ये हमला करके कई लोगों को काट भी चुके हैं।

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पूर्व महापौर ने पकड़े थे दस लाख रुपये के सूअर

पूर्व महापौर अनिल शर्मा ने अपने कार्यकाल में सूअरों को पकड़ने का अभियान चलाया था। इस दौरान निजी दस्ता गठित करके दस लाख रुपये से ज्यादा के सूअर पकड़े थे। इनकी बिक्री से हुई आय नगर निगम के खजाने में जमा कराई थी।

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कैटल दस्ते का एक वाहन खराब

कैटल दस्ते का एक वाहन खराब हो गया है। इसके चलते अब सिर्फ एक ही वाहन गाय व सांड़ पकड़ रहा है। महापौर प्रमिला पांडेय ने कहा कि आवारा जानवरों को पकड़ने के लिए अफसरों के साथ बैठक करके कार्ययोजना तैयार कराएंगी। निजी गैंग गठित करके सूअरों को पकड़ा जाएगा।

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