Vikas Dubey Encounter: आर या पार का बना लिया था इरादा, गांव के 12 और बाहर से 18 शार्प शूटरों की जुटाई थी फौज
बिकरू कांड को अंजाम देने के लिए विकास ने गांव के 12 और बाहर से 18 शार्प शूटरों की फौज जुटाई थी। उन्होंने ही हमले और फरारी का पूरा प्लान बनाया था।
कानपुर, जेएनएन। बिकरू कांड को अंजाम देने के लिए विकास ने गांव के 12 और बाहर से 18 शार्प शूटरों की फौज जुटाई थी। उन्होंने ही हमले और फरारी का पूरा प्लान बनाया था। गांव के लोगों के पास अपने हथियार थे, लेकिन बाहर से आने वालों में से आधे के लिए हथियारों का इंतजाम उसने खुद ही किया था। पहले से घर पर गोला, बारूद, पिस्टल और रायफलें रखी थीं, इसलिए यकीन था कि जीत उसकी होगी।
विकास दुबे ने उज्जैन से ला रही पुलिस टीम को बताया कि उसे थाने से दबिश की सूचना दो जुलाई की रात आठ बजे ही मिल गई थी। इसी वजह से उसने तय कर लिया था कि इस बार आर या पार। वारदात को अंजाम देने के लिए उसने अपने गुर्गो को फोन करके रात 10 बजे तक सभी 18 शार्प शूटरों को घर बुला लिया था। इसके बाद सभी ने बैठकर भागने का प्लान भी बना लिया था। उसने 12 शूटरों को दूसरे घरों की छतों पर बैठाया था। वह गांव के ही थे और उन्होंने टीम को घेरने की बात खुद ही कही थी। उन्होंने कहा था कि पुलिस के आते ही चारों ओर से हमला करेंगे। जेसीबी मामा ने खुद ही खड़ी की थी। उज्जैन से लाने वाली टीम में शामिल रहे एक सीओ ने बताया कि गांव के जिन 12 लोगों का नाम उसने लिया है, उसमें से पांच लोग मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं। बाकी की तलाश जारी है।
फरार साथियों के पास हैं लूटे गए हथियार
एनकाउंटर से पहले विकास ने बताया कि उसने बिकरू कांड के बाद मौके पर मिली पुलिस से लूटी गईं इंसास, एके 47 रायफलें और पिस्टल अपने अन्य साथियों को दे दी थीं। हंसते हुए बोला, पुलिस बेवजह कुओं का पानी निकालती रही है। उसने बताया कि पहले सोचा था कि हथियार तोड़कर पांडु नदी में डाल दूं, लेकिन बाद में ख्याल बदल दिया। साथियों से कहा, इसे रखो, बाद में काम आएंगे। हालांकि अब तक पुलिस लूटे गए हथियार बरामद नहीं कर सकी है। पुलिस यह भी मान रही है कि विकास ने भागते समय कहीं जंगल में हथियार छिपाए और उसकी जानकारी उसने एमपी पुलिस को दी है। बता दें कि लूटी गई दो 9 एमएम पिस्टल और एक ग्लॉक पिस्टल बरामद की जा चुकी है।
अमर को बेटे की तरह मानता था विकास
पुलिस के मुताबिक विकास दुबे अपने कुछ खास रिश्तेदारों और गुर्गो को बेहद प्यार करता था। एनकाउंटर में मारे गए भतीजे अमर दुबे को बेटे की तरह मानता था और उसकी शादी में लाखों रुपये पानी की तरह खर्च किए थे। ढाबे में खाना खाने के दौरान उसने पुलिस टीम को बताया कि वह पैसे खर्च करने में कभी पीछे नहीं रहता। बिकरू गांव में खुद जिस घर में रहता है, वह अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है। केवल अपने बाथरूम को बनवाने में ही विकास ने करीब 15 लाख रुपये लगाए थे। उसने कहा कि भतीजे को भी एक फ्लैट गिफ्ट में देने वाला था।