कानपुर में कांच के मंदिर में शुरू हुआ तीन दिवसीय उत्सव, पहले दिन 18 प्रकार के जलों से किया गया अभिषेक

150 वर्ष पूरे होने पर आज 18 प्रकार का अभिषेक पूजन किया गया। इसके बाद गांवसाक्षी महिला संगीत भक्ति संध्या होगा। 24 फरवरी को श्री सिद्ध चक्र पूजन मंदिर का इतिहास दर्शन तथा 108 दीपों की आरती और 25 फरवरी को ध्वजारोहण सत्तरभेजी पूजा का आयोजन होगा।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 02:43 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 02:43 PM (IST)
कानपुर में कांच के मंदिर में शुरू हुआ तीन दिवसीय उत्सव, पहले दिन 18 प्रकार के जलों से किया गया अभिषेक
कानपुर के प्रसिद्ध ऐतिहासिक कांच के मंदिर की सांकेतिक तस्वीर।

कानपुर, जेएनएन। जेके मंदिर, इस्कॉन मंदिर, बाबा आनंदेश्वर मंदिर, शिवाला मंदिर सहित दर्जनों ऐतिहासिक व प्राचीन मंदिरों वाले शहर कानपुर में मंगलवार से कांच वाले मंदिर का उत्सव धूमधाम से शुरू हुआ। कमला टावर स्थित श्री धर्मनाथ स्वामी जैन श्वेतांबर मंदिर जिसे कांच का मंदिर के नाम से पहचाना जाता है यहां मंदिर की 150 वीं वर्षगांठ के अवसर पर तीन दिवसीय आयोजन की शुरुआत आज से हुई है। मंदिर में विधि-विधान से पूजन व अभिषेक के साथ ध्वजारोहण, विशेष अभिषेक व स्वामी वात्सल्य का आयोजन हुआ।

150 वर्ष पूरे होने पर आज 18 प्रकार का अभिषेक पूजन किया गया। इसके बाद गांवसाक्षी, महिला संगीत, भक्ति संध्या होगा। 24 फरवरी को श्री सिद्ध चक्र पूजन, मंदिर का इतिहास दर्शन तथा 108 दीपों की आरती और 25 फरवरी को ध्वजारोहण, सत्तरभेजी पूजा का आयोजन होगा।

अद्भुत शिल्पकला से बना है मंदिर 

मंदिर समिति के अध्यक्ष संजय भंडारी ने बताया कि कांच से बने इस मंदिर की बेजोड़ कारीगरी अकल्पित है। इसमें 15 वें तीर्थंकर धर्मनाथ स्वामी व 7 वें तीर्थंकर सुपार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा स्थापित है। पूरी तरह से कांच से बने इस मंदिर में कांच की दीवारों पर राजस्थानी व ईरानी शैली का अद्भुत कला कौशल देखने को मिलता है। कांच की दीवारों पर मनोहारी कलाकृतियों को उकेरा गया है। मंदिर का निर्माण रघुनाथ प्रसाद भंडारी द्वारा कोलकाता के बड़ा बाजार स्थित मंदिर की तर्ज पर कराया गया था। उन्होंने बताया कि कांच के टुकड़ों को तराश उस पर चित्रकारी की गई। मंदिर के बीचो-बीच एक बगीचा भी है जो इसे रमणीय रूप देता है।

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