कानपुर: बरसात आते ही 15 लाख मीट्रिक टन कूड़ा बना मुसीबत, दुर्गंध के कारण सांस लेना दूभर

प्लांट में एकत्र कूड़े के लिए नगर निगम ने सालिड वेस्ट मैनेजमेंट में 15 वें वित्त राज्य अायोग से मिली धनराशि में 22 करोड़ रुपये रखे हैं। इससे पुराने कूड़े का निस्तारण किया जाएगा। हालांकि विवादों के चलते अभी तक अागे की कार्रवाई नहीं हो पाई है।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 07:33 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 07:33 PM (IST)
कानपुर: बरसात आते ही 15 लाख मीट्रिक टन कूड़ा बना मुसीबत, दुर्गंध के कारण सांस लेना दूभर
एकत्रित कूड़े के ढेर की प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। कोरोना संकट के चलते नगर निगम के भाऊसिंह स्थित डंपिंग ग्राउंड में एकत्र पुराने 15 लाख मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण नहीं हो पाया है। मानसून के आने के बाद अब वह कूड़ा भीग रहा है, इसके कारण पैदा होने वाली दुर्गंध ने लाेगों का सांस लेना मुहाल कर दिया है। हालत यह हैं कि घर में बैठना मुश्किल हो रहा है। डंपिंग ग्राउंड से जुड़े अाधा दर्जन गांवों के पचास हजार ग्रामीणों का सांस लेना दूभर हो रहा है। अफसरों की अनदेखी के चलते ग्रामीणों में काफी रोष है। 

प्लांट में एकत्र कूड़े के लिए नगर निगम ने सालिड वेस्ट मैनेजमेंट में 15 वें वित्त राज्य अायोग से मिली धनराशि में 22 करोड़ रुपये रखे हैं। इससे पुराने कूड़े का निस्तारण किया जाएगा। हालांकि विवादों के चलते अभी तक अागे की कार्रवाई नहीं हो पाई है। अाइअाइटी के पास प्रस्ताव गया है उनकी स्वीकृति के बाद अागे की कार्रवाई होगी।

कूड़े के पहाड़ के चलते भाऊसिंह, भौंती, सरायमीता, बदुअापुर, पनका समेत अासपास के गांवों में कूड़े की दुर्गंध के कारण सांस लेना दूभर हो जाता है। क्षेत्र के दिनेश बाजपेयी, राकेश सिंह, श्याम लाल, अाशीष बाजपेयी ने बताया कि समस्या का निस्तारण नहीं हुअा तो सड़क पर उतर अांदोलन करना पड़ेगा।

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