चार साल में बालश्रम से छुड़ाए गए 1210 बच्चे, 900 मुकदमे भी दर्ज, 9.60 लाख रुपये वसूला गया जुर्माना

हर साल अभियान चलाकर श्रम विभाग दुकानों कारखानों व औद्योगिक प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई करता है। विभाग की ओर से दुकानदारों प्रतिष्ठानों व कारखाना संचालकों को जागरूक भी किया जाता है। हालांकि कुछ दिनों बाद स्थिति फिर वही हो जाती है।

By Rahul MishraEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 06:07 PM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 06:07 PM (IST)
चार साल में बालश्रम से छुड़ाए गए 1210 बच्चे, 900 मुकदमे भी दर्ज, 9.60 लाख रुपये वसूला गया जुर्माना
श्रम विभाग ने कार्रवाई करते हुए दुकानदारों पर मुकदमा दर्ज कराया। प्रतीकात्मक चित्र

कानपुर, जेएनएन। हर साल बालश्रम को लेकर शहर में जो अभियान चलाया जाता है, उसकी हकीकत यह है कि पिछले चार सालों में श्रम विभाग की ओर से 1210 बच्चों को बालश्रम से छुड़ाया गया। यह हकीकत तब सामने आई, जब श्रम विभाग ने यह रिपोर्ट तैयार कराई। गौर करने वाली बात यह है कि 1210 बच्चों को बाल श्रम से छुड़ाने के बाद 900 दुकानदारों पर विभाग की ओर से मुकदमा भी दर्ज किया गया। इसके अलावा वसूली प्रमाण पत्र जारी करने के बाद नौ लाख 60 हजार रुपये की राशि जुर्माने के तौर पर वसूली गई। दरअसल विभाग हर साल कुछ दिनों के लिए अभियान चलाता है। उसके बाद स्थितियां ठीक वैसे ही हो जाती हैं, जैसे अभियान के पहले रहती हैं। दुकानदारों, प्रतिष्ठान व कारखाना संचालकों को समय-समय पर जागरूक भी किया जाता है। हालांकि नतीजा ढाक के तीन पात जैसा ही रहता है।

हर साल कराया जाता है दाखिला

अपर श्रमायुक्त एसपी शुक्ला ने बताया कि बाल श्रम के तहत जिन बच्चों को काम करने से रोका जाता है, उनके अभिभावकों से बात करने के बाद उनका दाखिला परिषदीय व उच्च परिषदीय विद्यालयों में कराया जाता है। हर साल ऐसे बच्चों की सूची बीएसए को सौंपी जाती है।

एक नजर आंकड़ों पर

वर्ष                बाल श्रमिक      मुकदमे हुए

2017-18          632             538

2018-19          129               63

2019-20          320             260

2020-21          123               40  

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