कानपुर के परिषदीय विद्यालयों में 100 फीसद हुआ किताबों का वितरण, जिला समन्वयक ने किया दावा

जिला समन्वयक सामुदायिक सहभागिता अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि जिले में 100 फीसद किताबों का वितरण हो चुका है। इस सत्र में पाठ्य पुस्तकों का कलेवर भी बदला गया है। प्राथमिक स्तर के बच्चे अब कलरव के स्थान पर जहां किसलय व पंखुड़ी को पढ़ेंगे।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 08:41 AM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 08:41 AM (IST)
कानपुर के परिषदीय विद्यालयों में 100 फीसद हुआ किताबों का वितरण, जिला समन्वयक ने किया दावा
परिषदीय स्कूलों की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए राहतभरी खबर है। अभी तक कक्षा एक से पांचवीं तक के बच्चों को गणित व अंग्रेजी की कार्यपुस्तिकाएं दी जाती थीं। हालांकि, अब छठवीं व सातवीं के बच्चों को विज्ञान व गणित की कार्यपुस्तिकाएं दी जाएंगी।

बेसिक शिक्षा विभाग के विशेषज्ञों का मानना है, जब बच्चों के पास कार्यपुस्तिकाएं होंगी तो उनमें संबंधित विषय की अच्छी समझ विकसित हो सकेगी। वह कार्यपुस्तिकाओं की मदद से उक्त विषयों का लिखित तौर पर अभ्यास कर सकेंगे। इसी तरह कक्षा चार व कक्षा पांच के बच्चों को हिंदी व सामाजिक विषय की कार्यपुस्तिकाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। दरअसल नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों को कार्यपुस्तिकाओं के वितरण के लिए शासन स्तर पर कार्ययोजना बन चुकी है। उसी कार्ययोजना का क्रियान्वयन अब स्कूलों में किया जाना है।

100 फीसद किताबों का हुआ वितरण: जिला समन्वयक सामुदायिक सहभागिता अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि जिले में 100 फीसद किताबों का वितरण हो चुका है। इस सत्र में पाठ्य पुस्तकों का कलेवर भी बदला गया है। प्राथमिक स्तर के बच्चे अब कलरव के स्थान पर जहां किसलय व पंखुड़ी को पढ़ेंगे। वहीं उच्च प्राथमिक स्तर पर दीक्षा, प्रज्ञा, अक्षरा से हिंदी भाषा का ज्ञानार्जन करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि इस सत्र से जिले में संस्कृत विद्यालयों के बच्चों को भी निश्शुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई गई हैं। बोले, सभी विकासखंडों में बच्चों के नामांकन को देखते हुए व सत्यापन कराने के बाद बच्चों को किताबें वितरित की गईं। अगर किसी विकासखंड में बच्चे यह कहते हैं, कि उन्हें किताबें नहीं मिलीं तो इसके जिम्मेदार खंड शिक्षाधिकारी होंगे।

इनका ये है कहना: 

शिक्षकों को यह बताया गया है, कि बच्चों को जो कार्यपुस्तिका दी गई हैं, उसकी मदद से बच्चों का अभ्यास कार्य कराएं। ताकि उनके अंदर विज्ञान, गणित जैसे विषयों की समझ विकसित हो सके।  -  डा.पवन तिवारी, बीएसए

chat bot
आपका साथी