महोबा में किशोरी से दुष्कर्म मामले में अभियुक्त को 10 साल का सश्रम कारावास, तीन साल बाद मिली सजा
थाना महोबकंठ क्षेत्र के एक ग्राम निवासी युवक ने पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि वह बाहर मजदूरी करने गया था। घरा पर उसकी पत्नी व पुत्री रहती थी। तीन जनवरी 2018 को दोपहर करीब तीन बजे उसकी पत्नी खेतों पर गई थी।
महोबा, जेएनएन। साल 2018 में हुए दुष्कर्म के एक मामले में न्यायालय ने अभियुक्त को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अर्थदंड की अदायगी न हाेने पर अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
थाना महोबकंठ क्षेत्र के एक ग्राम निवासी युवक ने पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि वह बाहर मजदूरी करने गया था। घरा पर उसकी पत्नी व पुत्री रहती थी। तीन जनवरी 2018 को दोपहर करीब तीन बजे उसकी पत्नी खेतों पर गई थी। घर पर उसकी 15 वर्षीय पुत्री अकेली थी। तभी ग्राम परेथा थाना हरपालपुर मप्र निवासी पुष्पेंद्र का पुत्र भुजबल आया और उसकी पुत्री को बहला फुसलाकर ले गया। उसके बैग में रखे दो हजार रुपए व जरूरी कागजात भी ले गया। जब उसकी पत्नी आयी तब पुत्री गायब थी। पड़ोसियों ने बताया कि उसकी पुत्री को पुष्पेंद्र ले गया। पांच जनवरी को सूचना पुलिस को दी गई लेकिन रिपोर्ट नहीं लिखी गई। इसके बाद पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई गई और 19 जनवरी को थाना महोबकंठ में मुकदमा दर्ज किया गया। पीड़ित बरामद हुई और बताया कि पुष्पेंद्र ने उसके साथ कई जगहों पर ले जाकर दुष्कर्म किया। न्यायालय द्वारा अभियुक्त पुष्पेंद्र के विरुद्ध 18 जून 2018 को दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं में आरोप विचरित किया गया। मामले की सुनवाई के बाद अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश, पाक्सो अधिनियम संतोष कुमार यादव ने अपना फैसला सुनाया। मामले की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक पुष्पेंद्र कुमार मिश्रा व अमन कुमार सिंह ने बताया कि अभियुक्त पुष्पेंद्र को 10 वर्ष के सश्रम कारावास व 15 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। अर्थदंड की अदायगी न होने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।