मशरूम की खेती कर आत्मनिर्भर बनें महिलाएं
संवाद सूत्र जलालाबाद (कन्नौज) महिला किसानों को प्रगतिशील और आत्मनिर्भर बनाने के लिए मशरूम क
संवाद सूत्र, जलालाबाद (कन्नौज) : महिला किसानों को प्रगतिशील और आत्मनिर्भर बनाने के लिए मशरूम के उत्पादन और प्रसंस्करण तकनीकी के बारे में प्रशिक्षित किया गया। मशरूम की खेती के लाभ बताए गए। उन्हें
ऑयस्टर मशरूम भी दिया गया।
शुक्रवार को कृषि विज्ञान केंद्र अनौगी पर पचपुखरा, डिग्सरा व जमला गांव की 25 कृषक महिलाएं पहुंची। इन महिलाओं को संबंधित कृषि के बारे में पूरी जानकारी भी दी गई।
इन महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया। केंद्र की महिला वैज्ञानिक पूनम सिंह ने बताया कि मशरूम का उत्पादन व उपभोग कुपोषण दूर करने के साथ ही महिलाओं की आय को बढ़ा सकता है। उनको स्वावलंबी बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बताया की मशरुम में प्रोटीन के साथ-साथ अनेक विटामिन, खनिज लवण व खाद्य रेशा बहुतायत में पाया जाता है। जो पाचन के लिए जरूरी है। बताया कि ऑयस्टर मशरूम का उत्पादन के लिए खेत की आवश्यकता नहीं होती है। इसे घर पर उपलब्ध भूसे पर किसी कमरे में उगाकर महिलाएं तीन गुना तक मुनाफा कमा सकती हैं। मशरूम की तुड़ाई और उसके प्रबंधन के बारे में भी बताया गया। वैज्ञानिक डॉक्टर शशिकांत ने महिलाओं की प्रशिक्षण में भागीदारी व तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि महिलाएं घर व समाज को आगे बढाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। मौसम वैज्ञानिक अमरेंद्र यादव द्वारा मशरूम उत्पादन में वातावरण के तापमान व आर्द्रता के महत्व पर प्रकाश डाला। करीब 21 महिलाओं को ऑयस्टर मशरूम दिया गया। इस दौरान अमित प्रताप सिंह, अनीता कटियार व प्रदीप कटियार के अलावा अन्य भी उपस्थित रहे।