गांव से जाते समय प्रताप बोले- अब देखो कब मिलना हो पाए!
संवादसूत्र तालग्राम (कन्नौज) लंबे समय से दिल्ली में रहकर प्राइवेट नौकरी कर रहे प्रताप बाथम
संवादसूत्र, तालग्राम (कन्नौज) : लंबे समय से दिल्ली में रहकर प्राइवेट नौकरी कर रहे प्रताप बाथम को जब गांव की याद आई तो बीबी-बच्चों को लेकर चले आए। गांव में आकर सबका हालचाल लिया, जाते समय नम आंखों से बोले कि अब देखो कब मिलना हो पाए। कोई नहीं जानता था कि उनके मुंह से निकले ये शब्द सही हो जाएंगे और यह उनकी अंतिम यात्रा होगी।
ग्राम रनवां निवासी प्रताप बाथम, पत्नी ऊषा देवी, बेटा सोनू, चचेरा भाई सतपाल व साला संतोष दो दिन पहले ही दिल्ली से गांव आए थे। गांव में उन्होंने सबका हालचाल लिया। इसके बाद शनिवार को दोपहर तीन बजे परिवार के साथ ससुराल हसेरन ब्लाक के गांव भगनपुर चले गए। रात को 11 बजे दिल्ली के लिए कार से निकले और रविवार सुबह नोएडा के परी चौक पर यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसे का शिकार हो गए। हादसे में प्रताप, ऊषा और सतपाल की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि सोनू व संतोष जिदगी-मौत से जूझ रहे हैं। कार उनका बेटा सोनू चला रहा था। इधर, जब गांव के लोगों को हादसे की सूचना मिली तो मातम छा गया। सतपाल के बच्चे गांव में ही रहते हैं। हादसे की जानकारी पाकर पत्नी मीरा बेहोश हो गई, जबकि आठ वर्षीय बेटी वंदना, पांच वर्षीय बेटा रचित और तीन वर्षीय तनु का रो-रोकर बुरा हाल था। प्रताप सिंह के दो पुत्र हैं, जो पश्चिमी दिल्ली के उत्तम नगर में रहते हैं। रविवार देर रात तीनों के शव गांव पहुंचने की उम्मीद है।
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