एड्स पीड़िताओं को विजय लक्ष्मी बना रहीं 'विजेता'
एचआइवी पॉजिटिव..जिसका नाम सुनते ही मन अभिशप्त हो जाता है। जब कोई महिला गर्भवती हो और जांच में पता चले कि वह एचआइवी पॉजिटिव है तो गर्भ में पल रहे बच्चे को बचाना एक सबसे बड़ी
अभिषेक द्विवेदी, कन्नौज
एचआइवी पॉजिटिव.. ये शब्द सुनते ही मन दहशत से भर जाता है। लोग पीड़ित से कतराने लगते हैं। एड्स पीड़ित महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चों को बचाना किसी चुनौती से कम नहीं है। ऐसे में समाज के डर से चुप होने वाली पीड़िताओं के लिए शासन की ओर से संचालित अहाना प्रोजेक्ट की कन्नौज जिला प्रोजेक्ट आफीसर विजयलक्ष्मी संबल बन गई हैं। मूलरूप से कानपुर के जाजमऊ क्षेत्र के तिवारीपुर-सेकेंड निवासी विजयलक्ष्मी एड्स पीड़िताओं का सुरक्षित प्रसव कराके उन्हें विजेता बनाने में जुटी हैं। पिछले तीन साल से एचआइवी पीड़ित गर्भवती महिलाओं के लिए काम करके नियमित देखभाल भी कर रही हैं। उनकी खुद ही काउंसिलिग भी करतीं हैं। कानपुर के एंटी रेट्रोवायरल थेरैपी (एआरटी) सेंटर से दवा दिलाती हैं। नौ माह की अवधि पूरी होने पर जिला अस्पताल के मैटरनिटी विग में सेफ डिलीवरी किट से सुरक्षित प्रसव कराती हैं।
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18 माह तक नवजात की देखभाल
विजयलक्ष्मी बताती हैं कि एचआइवी पॉजिटिव महिला के प्रसव के बाद नवजात को संक्रमण से बचाना बड़ी चुनौती है। नवजात की 18 माह तक नियमित देखभाल करनी पड़ती है। 42 से 60 दिन के अंदर ड्राइ ब्लड सैंपल (डीबीएस) एम्स दिल्ली भेजा जाता है, जिससे बच्चे की रिपोर्ट मिलने पर निगेटिव या पॉजिटिव होने की बात पता चलती है। बताया कि जन्म के 72 घंटे के अंदर बच्चे को नेब्रापाइन सीरप (एनवीपी)भी पिलाया जाता है।
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अब तक 59 महिलाओं का कराया प्रसव
जिले में वर्ष 2017 से अब तक 59 एचआइवी पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव विजय लक्ष्मी करा चुकी हैं। उनके प्रयासों का असर है कि अभी तक एक भी नवजात एचआइवी पॉजिटिव नहीं निकला। उन्होंने बताया कि अभी चार एचआइवी पॉजिटिव महिलाओं की डिलीवरी होनी बाकी है।
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शासन से हो चुकीं पुरस्कृत
विजयलक्ष्मी को वर्ष 2019 में प्रदेश सरकार के एचआइवी पीड़ितों के लिए चलाए जा रहे प्लान इंडिया अभियान के तहत पुरस्कृत भी किया जा चुका है। यह पुरस्कार प्लान इंडिया के स्टेट प्रोग्राम ऑफीसर डॉ. कौशिक विश्वास ने दिया था।
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एड्स से ऐसे करें बचाव
- कभी असुरक्षित शारीरिक संबंध नहीं बनाएं।
- अपने जीवन साथी के प्रति हमेशा वफादार रहें।
- खून चढ़ाने के दौरान अच्छी तरीके से जांच जरूर करवा लें।
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खास बातें
- 3.50 करोड़ से अधिक लोग दुनिया में हैं एड्स पीड़ित
- 7.70 लाख से ज्यादा पीड़ित हैं भारत में
- 62 फीसद लोगों को ही मिल पाता है समय से इलाज