गरीब व असहाय के लिए धरती का भगवान बनी प्रतिमा

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By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 05:15 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 05:15 PM (IST)
गरीब व असहाय के लिए धरती का भगवान बनी प्रतिमा
गरीब व असहाय के लिए धरती का भगवान बनी प्रतिमा

संवाद सहयोगी, छिबरामऊ: वैसे तो चिकित्सक को धरती का भगवान हमेशा से ही कहा जाता रहा है, लेकिन डा. प्रतिमा दीक्षित ने अपनी कार्यशैली से इसको पूरी तरह से सही साबित कर दिया है। वह गरीब व असहायों के लिए हर समय उपस्थित रहती हैं। परीक्षण व दवा का कोई भी रुपया उनसे नहीं लेती हैं।

पीपल वाली गली निवासी डॉ. प्रतिमा दीक्षित पिता परशुराम दीक्षित व माता रेशम देवी दीक्षित की बेटी है। वर्ष 2011 में ग्वालियर चली गई। वहां वसुंधरा राजे होम्योपैथिक संस्थान से डिग्री हासिल की। मुंबई में एक वर्ष तक कोर्स किया। छिबरामऊ में बीएचएमएस डिग्री के साथ क्लीनिक खोल दिया। गरीब व जरूरतमंदों की ओर विशेष निगाह रखी। मरीज के पास रुपए ना होने पर अपने पास से दवा दे देती हैं। पिता का परमार्थ देख बचपन से रहा जुड़ाव:

बचपन में चार-पांच वर्ष की उम्र में ही वह इस पद्धति से जुड़ गई थी। पिताजी घर में पढ़ने के लिए निरोगधाम पत्रिका मंगाते थे। इसमें योगाचार्य डा. साधना सिंह के लेख आते थे। पिता के साथ वह भी पढ़ती थी। बताती हैं कि एक बार पिता की चेस्ट में दर्द होने पर कई जगह उपचार कराया, लेकिन राहत नहीं मिली। इसके बाद एक होम्योपैथिक उपचार से आराम हो गया। इसे पिता ने चमत्कारिक पद्धति माना और जुड़ गए। इसका साहित्य घर ले आए। इसके बाद पिता जी परमार्थ इन पुस्तकों की मदद से लोगों को दवा देने लगे। कुछ समय तक सहयोगी के रुप में पिता की मदद भी की।

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कई गंभीर मरीजों का कर चुकी उपचार

प्रतिदिन क्लीनिक पर 35-40 मरीज आते हैं। मरीज को दवा देने के अलावा प्राइवेट लैब से मुफ्त में जांच भी करवाती हैं। कई गंभीर मरीजों का अब तक उपचार कर चुकी हैं। बताया कि गांव कुंवरपुर जनूं, माधौनगर, मिघौला, नगला दिलू, पंथरा सहित कई गांव के मरीजों कि उन्होंने मदद की है। अब तक 45-50 मरीजों का निश्शुल्क उपचार किया है।

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गरीबों की सेवा को बनाया मुख्य उद्देश्य

डा. प्रतिमा दीक्षित बताती है कि गरीबों की मदद को ही उन्होंने मुख्य उद्देश्य बनाया है। रुपए ना होने पर भी दवा देने में संकोच नहीं करती हैं। उन्होंने छिबरामऊ में व्यवस्था शुरू की है। बड़े स्तर पर कार्य करने के बाद भी वह ग्रामीण क्षेत्र के जरूरतमंद लोगों की मदद करना नहीं छोड़ेगी।

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