गड्ढे में भरे पानी में डूबकर किशोर की मौत

संवाद सूत्र ठठिया (कन्नौज) दोस्तों के साथ खेत पर गए किशोर की गड्ढे में भरे पानी में डूबक

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 05:50 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 05:50 PM (IST)
गड्ढे में भरे पानी में डूबकर किशोर की मौत
गड्ढे में भरे पानी में डूबकर किशोर की मौत

संवाद सूत्र, ठठिया (कन्नौज) : दोस्तों के साथ खेत पर गए किशोर की गड्ढे में भरे पानी में डूबकर मौत हो गई। शनिवार देर शाम हुई घटना की जानकारी दोस्तों ने स्वजन को नहीं दी। पिता के पूछने पर भी नहीं बताया। बहन के बताने पर तलाश की गई तो खेत के पास गढ्डे में शव मिला। स्वजन ने पहले हत्या का आरोप लगाया, फिर पैर फिसलने से गड्ढे में गिरकर मौत होने की तहरीर दी।

ठठिया थाना क्षेत्र के औसेर चौकी के जुर्रापुर्वा गांव निवासी योगेश कुमार का 17 वर्षीय पुत्र प्रांशु कक्षा नौ में पढ़ता था। शनिवार दोपहर वह दोस्तों के साथ बाजार गया था। वापस आने पर शाम करीब चार बजे दोस्तों के साथ खेतों पर चला गया। देर रात तक घर नहीं लौटने पर स्वजन ने तलाश की, लेकिन उसका पता नहीं चला। पति रात करीब नौ बजे थकहार कर घर पहुंचे तो बेटी मोहनी ने शाम को दो दोस्तों के साथ भाई को खेत के पास देखने की बात कही। बेटी के बताने पर पिता दोस्तों के घर गए और जानकारी की, लेकिन दोस्तों ने कुछ नहीं बताया है। बेटी के बताए स्थान पर पिता ने रात में ही ग्रमीणों के साथ तलाश की, तो एक गड्ढे के पास प्रांशु की साइकिल व कपड़े मिले, लेकिन आसपास नहीं दिखाई दिया। इस पर पिता ने पानी में होने की आशंका जताकर अंदर घुसकर तलाश की तो बेटा का शव मिला। चिकित्सक को दिखाया तो उसे मृत घोषित कर दिया। सिर में चोट व नाक से खून बहता मिला। इससे हत्याकर शव फेंकने का आरोप लगाया, लेकिन बाद में बेटे का पैर फिसल कर गड्ढे में गिरकर मौत होने की तहरीर दी। रविवार सुबह तहसीलदार अनिल कुमार सरोज ने जानकारी की। मदद का भरोसा दिया। प्रभारी निरीक्षक पीएन बाजपेई ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, थाने पर पहुंचे विधायक कैलाश राजपूत व जिला पंचायत सदस्य शिल्पी भारती ने पीड़ित स्वजन को सांत्वना दी। खनन माफिया ने खोदवाया था गड्ढा

औसेर में मिट्टी खनन का काम जोरों पर चल रहा है। इससे प्रशासन व पुलिस बेखबर है। खनन करने वालों ने कई जगह गहरे व बड़े गड्ढे कर दिए हैं। बारिश में गड्ढों में पानी भर जाता है। गड्ढों की गहराई का अंदाजा न होने से बच्चे व बुजुर्ग दुर्घटना के शिकार होते आ रहे हैं।

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