..तो शिकायत से हटकर बनी मदरसों की रिपोर्ट
- जांच में गोलमाल की आशंका सांसद को नहीं दी रिपोर्ट - छात्रवृत्ति घोटाला के बजाय अन्य कमि
- जांच में गोलमाल की आशंका, सांसद को नहीं दी रिपोर्ट
- छात्रवृत्ति घोटाला के बजाय अन्य कमियों को दर्शाया
जागरण संवाददाता, कन्नौज : अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला की पड़ताल करने के बजाय मामले को दबा दिया गया है। जांच छात्रवृत्ति घोटाले की होनी थी, लेकिन रिपोर्ट अनियमितताओं की बनी है, जिस पर संचालकों को नोटिस देकर कार्रवाई की जाएगी। सांसद ने लीपापोती की बात कहकर नाराजगी जताई है।
जिले में वर्ष 2019-20 में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में बड़े पैमाने पर घोटाले की आशंका जताकर सांसद सुब्रत पाठक ने जिलाधिकारी से जांच की मांग की थी। डेढ़ साल तक उनकी शिकायत पर जांच नहीं हुई तो उन्होंने मुख्यमंत्री से सीधे शिकायत की थी। हालांकि, कार्रवाई के डर से शासन से कमेटी बनने से पहले जिलेस्तर पर जांच शुरू हो गई थी। जांच 15 मदरसों की हुई थी, जिसमें गड़बड़ी के गई बिदु मिले थे। इससे छात्रवृत्ति वितरण में फर्जीवाड़े की बात सामने आई थी, लेकिन रिपोर्ट गोपनीय थी, जो करीब एक माह बाद बनाकर डीएम को भेजी गई थी। हालांकि, रिपोर्ट गोलमाल व स्पष्ट न बताकर बदलाव किया गया है। रिपोर्ट में क्या बदलाव हुआ संबंधित अधिकारी ही जानते हैं, लेकिन छात्रवृत्ति में गड़बड़ी नहीं मिली है। जांच में मदरसों का संचालन गलत, सुविधाएं, दूरी, ओवरराइटिग समेत इस तरह की अनियमितताएं दर्शाई गई हैं, जिस पर डीएम स्तर से मदरसा संचालकों को कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे। अब सवाल इस बात का सांसद ने जो शिकायत की उसकी जांच नहीं की या फिर उनके आरोप गलत साबित हुए हैं। सांसद स्तर से जांच रिपोर्ट मांगी गई थी, जो नहीं दी गई है। सीडीओ आरएन सिंह बताया रिपोर्ट डीएम को दी गई है। उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
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जो बिदु दिए गए थे उस पर जांच नहीं की गई है। जांच हुई या नहीं यह भी नहीं बताया गया है। अधिकारी स्पष्ट जानकारी नहीं दे रहे हैं। न ही जांच रिपोर्ट दी है, बल्कि लीपापोती की गई है। मुख्यमंत्री से फिर शिकायत करेंगे।
-सुब्रत पाठक, सांसद