समितियों में क्यूआर कोड व्यवस्था फेल
जागरण संवाददाता कन्नौज उर्वरक की बिक्री में पारदर्शिता लाने के लिए सहकारी समितियों में क्यूआर कोड व्यवस्था फेल है। समितियों का बैंक खाता जिला सहकारी बैंक में है लेकिन वहां नेट बैंकिग की सुविधा नहीं हैं।
जागरण संवाददाता, कन्नौज : उर्वरक की बिक्री में पारदर्शिता लाने के लिए सहकारी समितियों में क्यूआर कोड व्यवस्था फेल है। समितियों का बैंक खाता जिला सहकारी बैंक में है, लेकिन वहां नेट बैंकिग की सुविधा नहीं हैं।
इस कारण समितियों को क्यूआर कोड नहीं मिल पा रहे हैं, जबकि शासन ने सरकारी व निजी सभी दुकानों पर क्यूआर कोड लेकर आनलाइन उर्वरक की बिक्री करने की अनिवार्यता की है। हरहाल में सभी को क्यूआर कोड लेना है। इससे किसान उर्वरक नकद न खरीदकर सीधे क्यूआर कोड से भुगतान कर सकें। जिले में 15 सहकारी समितियां हैं, जहां किसी में यह व्यवस्था नहीं है और नकद बिक्री हो रही है। जिला कृषि अधिकारी राममिलन सिंह परिहार ने बताया कि बैंक के उच्च अधिकारियों के अलावा शासन स्तर पर पत्राचार किया गया है।
86.56 फीसद निजी दुकानों पर क्यूआर कोड
जिले में निजी दुकानों पर क्यूआर कोड लेने के लिए कृषि विभाग ने सख्ती की थी। कई विक्रेताओं के न लेने पर उर्वरक आपूर्ति रोक दी गई थी। कई दुकानें निलंबित भी की गईं थी। इससे 476 उर्वरक विक्रेताओं में 549 यानी 86.56 फीसद ने क्यूआर कोड ले लिए हैं और आनलाइन बिक्री करने लगे हैं।
निजी खाते से क्यूआर लेने की बात
जिला सहकारी बैंक में नेट बैंकिग सुविधा शुरू होने की कोई उम्मीद नहीं है। न ही कोई इसका विकल्प है। इससे कि क्यूआर कोड लिए जा सके। ऐसे में समितियों में निजी बैंक खाता से क्यूआर कोड लेने की बात रखी थी, जो सरकारी धनराशि होने का हवाला देकर कृषि विभाग ने नकार दिया था।