अब रोजगार सेवक ने दी आत्मदाह की धमकी

जागरण संवाददाता कन्नौज उमर्दा ब्लाक में 12 साल रोजगार सेवक के रूप में तैनात रहे अश्वनी कु

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 06:31 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 06:31 PM (IST)
अब रोजगार सेवक ने दी आत्मदाह की धमकी
अब रोजगार सेवक ने दी आत्मदाह की धमकी

जागरण संवाददाता, कन्नौज : उमर्दा ब्लाक में 12 साल रोजगार सेवक के रूप में तैनात रहे अश्वनी कुमार तिवारी ने भी जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक सुशील कुमार, सचिव, प्रधान पति व उस समय रहे बीडीओ पर उत्पीड़न का आरोप लगा आत्मदाह की धमकी दी है। अश्वनी ने बताया कि सचिव, प्रधान पति व बीडीओ ने मिलकर उन्हें हटाने के लिए गलत प्रस्ताव दिया था, जिस पर परियोजना निदेशक के कहने पर सीडीओ ने अनुमोदन पास कर काम से हटा दिया था। अभद्रता भी की थी। शासन-प्रशासन स्तर पर शिकायत की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई है। अपर आयुक्त मनरेगा ने जांच मांगी थी, जो नहीं की गई है। इस मामले पर बीडीओ ने रुपये मांगे थे। यदि अब कार्रवाई न हुई तो एक जनवरी को कलेक्ट्रेट में आत्मदाह करेंगे। दो छोटी बच्चियां हैं, जिनका जीवन यापन करना मुश्किल है, जबकि अश्वनी के कार्यो की मुख्यमंत्री ने एक कार्यक्रम के तहत वीडियो कांफ्रेंगिग कर संवाद कर प्रशंसा की थी। सूबेभर के सभी रोजगार सेवकों को प्रेरणा दी थी। कई निलंबित तो कई का वेतन रुका धरने पर बैठे कर्मियों ने बताया कि ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक सुशील कुमार की कार्य व भाषा शैली से कोई खुश नहीं था। उच्च अधिकारी होने के नाते प्रताड़ना सह रहे थे, क्योंकि निलंबन करना व वेतन रोकना जैसी कार्रवाई कर मानसिक व आर्थिक उत्पीड़न करते थे। वर्तमान में कई ग्राम पंचायत व ग्राम विकास अधिकारी निलंबित हैं और कई का वेतन रुका है। लिपिक अशोक आत्महत्या के एक दिन पहले सदर ब्लाक में आवास के एक मामले में सचिव को निलंबित किया गया था। इसी तरह ठठिया में आवास मामले में एक ग्राम विकास अधिकारी कई महीने से निलंबित है। पंचायत, मनरेगा व प्रोबेशन समेत कई प्रताड़ित विकास विभाग, डीआरडीए के अलावा पंचायत, मनरेगा, प्रोबेशन समेत कई विभागों के कर्मचारी अफसरों से प्रताड़ित हैं। जरा सी बात पर वेतन रोकना, निलंबित करना जैसी धमकी देने का आरोप है। स्पष्टीकरण जारी कर दबाव बनाया जाता है। कार्यालय में समय से पहले बुलाना और रात में छोड़ा जाता है। खासकर महिला कर्मचारी मानसिक रूप से परेशान हैं।

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