बंद मकान का ताला तोड़कर लाखों की चोरी

संवाद सहयोगी छिबरामऊ बंद मकान का ताला तोड़कर चोरों ने लाखों के जेवरात व नकदी चोरी क

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 06:20 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 06:20 PM (IST)
बंद मकान का ताला तोड़कर लाखों की चोरी
बंद मकान का ताला तोड़कर लाखों की चोरी

संवाद सहयोगी, छिबरामऊ: बंद मकान का ताला तोड़कर चोरों ने लाखों के जेवरात व नकदी चोरी कर ली। पड़ोसियों ने मुख्य द्वार का ताला टूटा देख जानकारी दी। पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी हुई है।

थाना विशुनगढ़ के गांव अल्हनापुर निवासी अनिल दुबे जबलपुर में निजी कंपनी में प्राइवेट नौकरी करते हैं। वर्तमान समय में कोतवाली छिबरामऊ के मोहल्ला ग्रेसीगंज में सोसायटी के पीछे आवास बनाकर रह रहे हैं। करीब आठ दिन पहले जिला फर्रुखाबाद के नीमकरोरी क्षेत्र में संदिग्ध परिस्थितियों में भतीजे की मौत हो गई थी। इसके बाद वह गांव चले गए थे। घर पर ताला लटक रहा था। रविवार सुबह लोगों ने मुख्य द्वार का ताला टूटा देखा। इसकी जानकारी गृहस्वामी व पुलिस को दी। प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार मिश्रा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। आसपास के लोगों से जानकारी की। वहीं, गृहस्वामी अनिल दुबे भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने बताया कि चोरों ने कमरे का ताला तोड़कर एक लाख रुपये नकद चोरी कर लिए। इसके अलावा छह अंगूठी, एक मंगलसूत्र, दो सोने के बिस्किट, एक सोने का सिक्का, 1 जोड़ी चूड़ी, व चांदी के जेवर भी ले गए। मुकदमा दर्ज कराए जाने को तहरीर दी। प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार मिश्रा ने बताया कि करीब 10 दिन से मकान बंद होने की जानकारी दी जा रही है। तहरीर पर मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है।

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फारेंसिक टीम व डाग स्क्वायड ने की पड़ताल

लाखों की चोरी का मामला होने पर उच्च अधिकारियों को जानकारी दी गई। फारेंसिक टीम मौके पर पहुंची और उन्होंने नमूने एकत्रित किए। इस बीच कांस्टेबल मनीष सिंह डाग स्क्वायड जैकी को लेकर घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कमरे से जैकी को लेकर कुछ वस्तुएं सुंघाई। इसके बाद गेट से लेकर पीछे खेत तक जैकी पहुंचा। बहुत दूर तक वह पहुंचने में सफल नहीं हो सका और चक्कर काट कर वापस आ गया। पुलिस को खेत में एक अटैची पड़ी मिली। उसका सामान बिखरा हुआ था।

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घटनास्थल कवर न किए जाने से घुसे सैकड़ों लोग

चोरी की जानकारी होने पर लोगों की भीड़ लग गई। इस बीच पुलिस ने घटनास्थल क्षेत्र को कवर नहीं किया। किसी प्रकार की रुकावट न होने पर लोग अंदर तक आते जाते रहे। ऐसे में डाग स्क्वायड को वारदात को अंजाम देने वाले आरोपित तक पहुंचने में सफलता नहीं मिल सकी।

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