महोत्सव का नाम देकर बाटेंगे निश्शुल्क राशन

जागरण संवाददाता कन्नौज कोरोना काल में शुरू हुई प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना अब अन्न

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 04:44 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 04:44 PM (IST)
महोत्सव का नाम देकर बाटेंगे निश्शुल्क राशन
महोत्सव का नाम देकर बाटेंगे निश्शुल्क राशन

जागरण संवाददाता, कन्नौज : कोरोना काल में शुरू हुई प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना अब अन्न महोत्सव के रूप में मनाई जाएगी। पांच अगस्त से नगर व ग्रामीण सभी कार्डधारकों को प्रति यूनिट पांच किलो गेहूं व चावल निश्शुल्क बांटकर इस माह के वितरण की शुरुआत की जाएगी। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कांफ्रेंसिग से करेंगे। वह कार्डधारकों से संवाद करेंगे। हालांकि, संवाद में जिला शामिल नहीं है, लेकिन उनका कार्यक्रम सभी राशन दुकानों पर एलईडी, लैपटाप, कंप्यूटर से देखा जाएगा। सभी दुकानों पर कोविड नियमों का पालन कर अधिकतम 100-100 कार्डधारक बुलाए जाएंगे, जिन्हें स्थानीय जनप्रतिनिधियों के हाथों से हाल में आए झोलों में राशन दिया जाएगा। शासन से नामित नोडल भी आएंगे। इस कार्य में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मदद करेंगी।

कोरोना काल में शुरू हुई थी योजना

जिला पूर्ति अधिकारी कमलेश कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री अन्न कल्याण योजना कोरोना काल में पिछले वर्ष शुरू हुई थी। इस वर्ष भी कोरोना के कारण अप्रैल से निश्शुल्क राशन बांटा जा रहा है। अप्रैल व मई में हर माह राज्य सरकार की तरफ से बंटने वाले राशन के अतिरिक्त योजना के तहत निश्शुल्क सभी कार्ड पर प्रति यूनिट पांच-पांच किलो राशन दिया गया था। जून व जुलाई में केंद्र व राज्य सरकार की तरफ से दोनों राशन निश्शुल्क बांटे गये थे। इसी तरह पांच से 15 अगस्त तक प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना का राशन निश्शुल्क बांटा जाएगा। 20 अगस्त से राज्य सरकार की तरफ से निश्शुल्क राशन वितरण शुरू होगा। यह व्यवस्था नवंबर तक चलेगी।

जिले में 651 राशन दुकाने, 3.12 लाख कार्डधारक

जिले में नगर में 66 व ग्रामीण में 585 राशन दुकानें हैं, जहां 3.12 लाख कार्डधारक हैं, जिन्हें लाभांवित करने का विभाग ने दावा किया है। हालांकि, कई ऐसे लाभार्थी हैं, जिनके पास राशनकार्ड नहीं हैं या आवेदन करने पर निरस्त होते आ रहे हैं। कई आनलाइन आवेदन लंबित हैं, तो किसी की फीडिग नहीं हो रही है। कार्डधारकों की मानें तो राशन का उचित उठान नहीं होता न ही 100 फीसद वितरण होता है।

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