मंडियों में फेल हो गई ई-नैम प्रणाली, ताला

जागरण संवाददाता कन्नौज मंडी समितियों में किसान व व्यापारियों की सुविधा के लिए वर्ष 2017 में

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 06:51 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 06:51 PM (IST)
मंडियों में फेल हो गई ई-नैम प्रणाली, ताला
मंडियों में फेल हो गई ई-नैम प्रणाली, ताला

जागरण संवाददाता, कन्नौज : मंडी समितियों में किसान व व्यापारियों की सुविधा के लिए वर्ष 2017 में शुरू हुई आनलाइन एग्री कल्चर मार्केटिग यानी ई-नैम व्यस्था फेल हो गई है। नवीन मंडी कन्नौज में करीब चार महीने से ई-नैम में ताला लगा हुआ है, जबकि आवक न होने के कारण एक साल से कार्य ठप है। कारण मंडी व विकास शुल्क खत्म होने के कारण मंडी के अंदर कारोबार नहीं बचा है। आढ़ती व व्यापारी बाहर किसानों से सीधे जिंस खरीद कर बिक्री करने लगे हैं। मंडी के अंदर आवक न होने से ई-नैम में किसी तरह का कार्य नहीं बचा है, जो बंद कर दी गई है। मंडी सहायक विकास कुमार ने बताया कि आवक न होने के कारण यह स्थिति है। किसान मंडी के अंदर न आकर बाहर बिक्री करते हैं।

ई-नैम से मिलते थे मेहनत के वाजिब दाम

ई-नैम केंद्र सरकार की योजना है। इससे किसानों को मेहनत के वाजिब दाम मिलते हैं। मंडी में बिक्री को लाए जिंस की पहले प्रयोगशाला में जांच होती है। गुणवत्ता के आधार पर जिंस ए, बी व सी तीन ग्रेड में निर्धारित कर दाम तय होते हैं। तय दामों के आधार पर व्यापारी ऑनलाइन नीलामी कर खरीद करते हैं। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने के कारण पारदर्शी है। भुगतान नकद या फिर 24 घंटे में ऑनलाइन खातों में होता है। औने-पौने दामों पर व्यापारी खरीद नहीं कर पाते हैं।

ठेके पर रखे कर्मी भी हटाए

मंडियों में कर्मचारियों की कमी है। इसलिए ई-नैम व्यवस्था ठेके पर है। एक कंपनी ने आउटसोर्स पर कंप्यूटर ऑपरेटर व कर्मचारी रखे थे, जो पिछले वर्ष लॉकडाउन का हवाला देकर हटा दिए गए थे। हालांकि, एक साल बाद एक-दो कर्मियों को दोबारा रखा गया है। ई-नैम कर्मियों को वेतन भी दो से तीन माह में मिलता है।

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