रास्ते में बिगड़ी हालत, एंबुलेंस में हुआ प्रसव
संवाद सूत्र सौरिख गर्भवती की रास्ते में हालत बिगड़ गई। आशा ने चालक व एमटी की मदद से एंबुलेंस में ही प्रसव कराया।
संवाद सूत्र, सौरिख: गर्भवती की रास्ते में हालत बिगड़ गई। आशा ने चालक व एमटी की मदद से एंबुलेंस में ही प्रसव कराया। महिला व बच्चे के स्वस्थ होने पर सभी ने राहत की सांस ली।
थाना सौरिख के गांव बौसिया निवासी बीपी सिंह की पत्नी शिल्पी गर्भवती थी। रविवार सुबह शिल्पी को प्रसव पीड़ा होने लगी। स्वजनों ने आशा मीना पाल को जानकारी दी। आशा गर्भवती के घर पर पहुंची। एंबुलेंस से पीड़िता को सीएससी पर लेकर आ रही थी। गांव के बाहर निकलते ही गर्भवती को असहनीय पीड़ा शुरू हो गई। हालत बिगड़ने पर एंबुलेंस चालक जितेंद्र प्रताप सिंह ने गाड़ी रोकी। इसके बाद आशा मीना पाल ने एमटी सुनील कुमार व चालक जितेंद्र प्रताप की मदद से एंबुलेंस में शिल्पी को प्रसव कराया। महिला ने पुत्र को जन्म दिया। स्वास्थ्य कर्मियों ने महिला व बच्चे को सीएचसी पर भर्ती कराया। जहां दोनों स्वस्थ हैं। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. अजहर सिद्दीकी ने बताया कि स्वजनों को गर्भवती की सूचना समय से देनी चाहिए। देरी होने की वजह से अक्सर इस तरह के मामले सामने आते हैं। गर्भवती व धात्री को नहीं मिला ड्राई राशन, जांच
संवाद सहयोगी, छिबरामऊ: पोषाहार वितरण में अनियमितताओं को लेकर गर्भवती व धात्री महिलाओं ने डीएम को पत्र लिखा। डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए फौरन तहसीलदार व जिला कार्यक्रम अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट मांगी है। रविवार को गांव खबरियापुर निवासी सुनीता, उर्मिला, रिचा, सरिता, रीता, पूनम, पूजा पाल, सोनी, रामबेटी, रिकी व रुचि पाल समेत अन्य महिलाओं ने जिलाधिकारी व जिला कार्यक्रम अधिकारी को पत्र भेजा। फरियाद की कि गांव खुबरियापुर में आंगनबाड़ी सहायिका मनमाने तरीके से गर्भवती के लिए आए राशन का वितरण करती हैं। पोषाहार का वितरण पात्रों को नहीं किया जाता है। राशन के लिए कहने पर अभद्रता करती हैं। अभी भी राशन नहीं दे रही हैं। पहले भी राशन नहीं दिया है। पीड़ित महिलाओं ने घर-घर सर्वे करवाकर सूची बनवाने की मांग कर जांच की मांग की। जिलाधिकारी ने गंभीरता लेते हुए तहसीलदार छिबरामऊ व जिला कार्यक्रम अधिकारी व्हाट्एस पर जांच के निर्देश दिए। शिकायत के बाद सरिता पत्नी कौशल के घर राशन पहुंचा दिया गया। तहसीलदार अभिमन्यु कुमार ने बताया कि शिकायत पत्र आने पर गांव जाकर मामले की जांच की जाएगी। वितरण में अनियमितता होने पर कार्रवाई को रिपोर्ट भेजी जाएगी।