पथ विक्रेताओं के आत्मनिर्भर बनने में रोड़ा बनी बैंक

-476 का लक्ष्य 415 हो चुके आवेदन महज 34 को मिला ऋण -बैंक में सुनवाई न होने से दुकानदार प

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 10:48 PM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 10:48 PM (IST)
पथ विक्रेताओं के आत्मनिर्भर बनने में रोड़ा बनी बैंक
पथ विक्रेताओं के आत्मनिर्भर बनने में रोड़ा बनी बैंक

-476 का लक्ष्य 415 हो चुके आवेदन, महज 34 को मिला ऋण -बैंक में सुनवाई न होने से दुकानदार परेशान, बढ़ रही दिक्कतें

संवाद सहयोगी, तिर्वा: प्रधानमंत्री पथ विक्रेता आत्मनिर्भर निधि योजना के तहत दुकानदारों को बैंकों में ऋण की स्वीकृति नहीं मिल पा रही। इससे कई आवेदन निरस्त हो गए और सैकड़ों दुकानदार बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं। बैंकों की अनदेखी से दुकानदारों की समस्याएं बढ़ती जा रही।

नगर पंचायत में प्रधानमंत्री पथ विक्रेता आत्मनिर्भर निधि योजना को लेकर 476 दुकानदारों को ऋण दिलाने का लक्ष्य था। इसमें नगर पंचायत से 415 आवेदन पूर्ण किए जा चुके। इसमें बैंकों में महज 34 लोगों को 10 हजार की धनराशि मिल सकी और 86 दुकानदारों को स्वीकृति है। इनको भी जल्द धनराशि दी जाएगी। 295 दुकानदार लगातार बैंकों के चक्कर काट रहे। इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, ग्रामीण बैंक, भारतीय स्टेट बैंक व पंजाब नेशनल बैंक के खाताधारक लगातार चक्कर लगा रहे हैं। इनको कागजी कार्रवाई इतनी बता दी गई, कि आवेदक को पूरा करना मुश्किल पड़ रहा। महीनों से चक्कर लगाकर कई आवेदन चुप होकर घर बैठ गए। आवेदक विजय कुमार, संतराम बाथम, अशोक कुमार, संतोष कुमार, ताज मोहम्मद ने बताया कि फाइल बैंकों तक पहुंची, लेकिन कमियां निकला कर वापस लौटा दी गई। इससे काफी दिक्कतें हो रही है। मामले को लेकर बैंक के अधिकारियों से वातर की जाएगी और ऋण दिया जाएगा। इसमें लापरवाही हुई तो संबंधित बैंकों के उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट बनाकर भेजी जाएगी।

जयकरन, एसडीएम

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