गंगा मैया में जब तक पानी रहे, मेरे सजना तेरी जिदगानी रहे..

जागरण संवाददाता कन्नौज मेघ मंडल में जब क्षितिज से चंद्रदेव ने अपनी आभा बिखेरी तो सुहागिनों क

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 11:06 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 11:06 PM (IST)
गंगा मैया में जब तक पानी रहे, मेरे सजना तेरी जिदगानी रहे..
गंगा मैया में जब तक पानी रहे, मेरे सजना तेरी जिदगानी रहे..

जागरण संवाददाता, कन्नौज : मेघ मंडल में जब क्षितिज से चंद्रदेव ने अपनी आभा बिखेरी तो सुहागिनों के चेहरे खिल उठे और अ‌र्घ्य देकर उनका स्वागत किया। सोलह श्रृंगार से सजीं सुहागिनों ने हाथ में पूजा का थाल लेकर दीपक से भगवान चंद्रदेव की आरती उतारी और अखंड सुहाग की कामना की। सुहागिनों ने भगवान से प्रार्थना की कि ..गंगा मैया में जब तक पानी रहे, मेरे सजना तेरी जिदगानी रहे..। रविवार को करवाचौथ का पर्व पारंपरिक तरीके से मनाया गया। सुहागिनों ने ब्रह्ममुहूर्त से निर्जला व्रत किया और शाम को सोलह श्रृंगार करने के बाद हाथ में करवा व पूजा का थाल लेकर भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा कर अखंड सौभाग्य व अखंड सुहाग की कामना की। इसके बाद पति को भगवान का स्वरूप मानकर आरती उतारी और तिलक लगाकर विजयश्री की कामना की। सुहगिनों ने अपनी देवरानी या जेठानी के साथ करवा पूजन किया तथा घर के बड़े-बुजुर्गों से आशीर्वाद लिया। इसके बाद रात को छत पर चंद्रदेव के उदय होने की प्रतीक्षा की। जैसे से पूर्व-उत्तर दिशा की तरफ क्षितिज से चंद्रदेव ने अपनी आभा बिखेरी तो उत्साही युवाओं ने पटाखे छुड़ाकर चंद्रदेव का इस्तकबाल किया। सुहागिनों ने चंद्रदेव की आरती उतारी तथा अ‌र्घ्य दिया। छलनी की ओट से दर्शन कर पतिदेव के हाथ से जलग्रहण कर दिन भर के निर्जला व्रत का पारायण किया। आचार्य वीरचंद्र त्रिपाठी ने बताया कि हमारी संस्कृति में पति को देवता का स्वरूप माना गया है। बिना पति के स्त्री का जीवन अधूरा है, इसलिए करवाचौथ का व्रत करने से पति दीर्घायु होता है और दांपत्य जीवन सुखमय होता है। हर सुहागिन स्त्री को यह व्रत अवश्य करना चाहिए। ------- देर रात तक मनाया गया करवाचौथ का जश्न करवाचौथ पर सुहागिनों ने पहले से ही ब्यूटी पार्लर में बुकिग करा ली थी। शाम को ब्यूटी पार्लर से सोलह श्रृंगार कर सुहागिनों ने निर्धारित समय पर पूजन और व्रत का पारायण किया। इसके बाद घरों में बनाए गए स्वादिष्ट पकवानों का आनंद लिया गया। कई घरों में फिल्मी गानों की धुनों पर सुहागिनों ने नृत्य भी किया। सुहागिनों के साथ उनके बच्चों ने भी करवाचौथ के जश्न में शरीक होकर इसमें चार चांद लगा दिए। वहीं पतिदेव ने अपनी अर्धांगिनी को उपहार भी प्रदान कर उनका दाम खुशियों से भर दिया।

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