फटकार के बाद 100 शैया में कम हुए मरीज !
नहीं कर रहे भर्ती - झोलाछाप सड़क किनारे जमीन पर बोतल लगा कर रहे उपचार - सरसैया में भ
नहीं कर रहे भर्ती
- झोलाछाप सड़क किनारे जमीन पर बोतल लगा कर रहे उपचार
- सरसैया में भर्ती न होने पर झोलाछाप के पास पहुंच रहे मरीज
संवाद सहयोगी, छिबरामऊ: बंद कमरे में फटकार के बाद अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने की संख्या में गिरावट आई है। इस कारण झोलाछाप की दुकानों पर भीड़ लग रही है। वहां, मरीजों को सड़क किनारे जमीन पर लिटा कर बोतल लगाई जा रही हैं।
नगला दिलू स्थित 100 शैया अस्पताल में एक सप्ताह पहले तक बुखार पीड़ित मरीजों की भीड़ लगी रहती थी। अस्पताल के सभी बेड फुल रहते थे। मरीजों की संख्या बढ़ने पर जिलास्तरीय अधिकारियों ने निरीक्षण किया था। चर्चा है कि बंद कमरे में भर्ती करने वाले चिकित्सकों को फटकार लगाई थी। नियमानुसार मरीजों को भर्ती करने के निर्देश दिए थे। इस कारण संख्या में गिरावट आ गई है। मंगलवार को इमरजेंसी वार्ड में केवल 35 मरीज भर्ती थे। इसमें 15 मंगलवार को ही आए थे। अन्य बेड खाली पड़े रहे। वहीं, दूसरी तरफ नगर में झोलाछापों के यहां भीड़ रही। बेंच न मिलने पर मरीज जमीन पर लेटे रहे। पिलर के सहारे कील में बोतल टांग कर लगाई गई। मरीजों की संख्या 200 से 300 के करीब रहती है। फर्रुखाबाद चौराहे के पास एक झोलाछाप के यहां ऐसी ही स्थिति थी। आसपास गंदगी थी। उपचार करवा रहे लोगों का कहना था कि 100 शैया अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. राजेश कुमार तिवारी ने बताया कि मरीज को लौटाया नहीं जाता है। कुछ लोग जबरदस्ती भर्ती होना चाहते हैं, जबकि उन्हें ओरल दवा की आवश्यकता होती है।