अब निजी हाथों में होगी बरुआसागर किले की कमान

फोटो 5 एसएचवाई बरुआसागर का किला। ::: - बरुआसागर किले को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी - पर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 01:00 AM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 01:00 AM (IST)
अब निजी हाथों में होगी बरुआसागर किले की कमान
अब निजी हाथों में होगी बरुआसागर किले की कमान

फोटो 5 एसएचवाई

बरुआसागर का किला।

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- बरुआसागर किले को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी

- पर्यटकों को रिझाने के लिये सुविधाओं का होगा विकास

झाँसी : पर्यटकों की संख्या बढ़ाने और ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित रखने के उद्देश्य से उन्हें निजी हाथों में सौंपे जाने की कवायद ते़ज हो गयी है। देश के चुनिन्दा स्मारकों के निजीकरण की तैयारी कर ली गयी है। इसमें झाँसी के बरुआसागर किले को भी शामिल किया गया है। पुरातत्व विभाग ने इसके लिये 'स्मारक मित्र' का चयन करना शुरू कर दिया है।

पुरातत्व विभाग के अनुसार अभी लोगों से आवेदन माँगने की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद शासन द्वारा गठित कमिटि कसौटी पर खरे उतरने वाले से एमओयू (मेमोरेण्डम ऑफ अण्डरस्टैण्डिंग) साइन करेगी। चयनित पार्टी 5 साल तक बरुआसागर किले का रखरखाव करेगी, वहाँ पर्यटक सुविधाएं विकसित करेगी, लेकिन किले के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी। बदले में पार्टी को पर्यटकों से शुल्क लेने का अधिकार होगा।

यह मिलेंगी सुविधाएं

चयनित स्मारक मित्र को किले में लाइट ऐण्ड साउण्ड शो, ऑडियो गाइड, बेसिक सोवेनियर शॉप, स्नैक काउण्टर, गोल्फ का‌र्ट्स, सांस्कृतिक कार्यक्रम, वाइ-फाइ सुविधा संचालित करने की अनुमति होगी।

झाँसी की रानी की समर पैलेस रहा है यह किला

झाँसी से लगभग 20 किलोमीटर दूर बरुआसागर का किला झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई का समर पैलेस रहा है। इस किले के चारों ओर पेड़-पौधे हैं। साथ ही लहलहाती झील भी हमेशा किले को ठण्डक पहुँचाती है। जब गर्मी अपने चरम पर रहती थी तो महारानी लक्ष्मीबाई झाँसी से निकलकर कुछ महीने इसी किले में व्यतीत करती थीं।

आकर्षक कलाकृति का नमूना

बुन्देला राजा उदित सिंह द्वारा बनवाये गये इस किले में 5 खण्ड हैं। इन खण्डों में छोटे-बड़े कई कमरे बने हैं। लोगों का मानना है कि इस किले के अन्दर 3 कुएँ भी मौजूद हैं। इसके सामने बनी झील किले को अलग ही आकर्षक प्रदान करती है।

फोटो हाफ कॉलम

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इनका कहना है

'बरुआसागर किले को निजी हाथों में देने के लिये आवेदन माँगे गये हैं। जल्द ही शर्ते पूरी करने वाले व्यक्ति की सूची उच्चाधिकारियों को भेजी जायेगी। वहाँ से अनुमति मिलते ही 5 साल की ली़ज पर किला सौंप दिया जायेगा।

एसके दुबे

पुरातत्व संरक्षण अधिकारी (झाँसी)

फाइल : मुकेश त्रिपाठी

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