भगवा किले में सियासी आँधी खड़ी कर गए अखिलेश

फोटो ::: 0 बुन्देलखण्ड में 3 दिन में कीं 4 सभाएं 0 झाँसी के रोड शो में भीड़ जुटाकर दिखाई ता़कत

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 07:58 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 07:58 PM (IST)
भगवा किले में सियासी आँधी खड़ी कर गए अखिलेश
भगवा किले में सियासी आँधी खड़ी कर गए अखिलेश

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0 बुन्देलखण्ड में 3 दिन में कीं 4 सभाएं

0 झाँसी के रोड शो में भीड़ जुटाकर दिखाई ता़कत

0 भाजपा सरकार पर रहे हमलावर

झाँसी : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमन्त्री अखिलेश यादव ने भगवा किले में तब्दील हो चुके बुन्देलखण्ड में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। 3 दिन के दौरे में अखिलेश ने 4 सभाएं कर भाजपा को खुली चुनौती दी तो झाँसी के रोड शो में भीड़ जुटाकर ता़कत भी दिखाई। बुन्देलखण्ड दौरे उनके निशाने पर सिर्फ भाजपा ही रही। इसके माध्यम से उन्होंने विपक्ष में अकेले खड़े होने का बड़ा सन्देश भी दिया।

सूखे से अभिशप्त बुन्देलखण्ड अब सियासत की मुख्य धुरी बन गया है। कभी यह भू-भाग सपा व बसपा का गढ़ हुआ करता था, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस राजनैतिक तिलिस्म को तोड़ दिया। इस चुनाव में भाजपा ने चारों लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की। 2017 के विधानसभा चुनाव में तो जनता ने बुन्देलखण्ड की राजनैतिक सूरत ही बदल दी। इस चुनाव में जनता ने बुन्देलखण्ड की सभी 19 विधानसभा सीटों पर कमल खिला दिया। यही प्रदर्शन 2019 के चुनाव में भी दोहराने के बाद बुन्देलखण्ड का भाजपा का किला मान लिया गया। इस भगवा किले में सेन्ध लगाने के लिए विपक्ष ने ताकत से ताल ठोक दी है। कौंग्रेस की प्रियंका गाँधी के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव विजय रथ यात्रा लेकर बुन्देलखण्ड आए। अखिलेश ने 3 दिवसीय दौरे की शुरूआत बाँदा जनपद से की। यहाँ जनसभा में उमड़ी भीड़ से उत्साहित अखिलेश ने भाजपा के ख़्िाला़फ चुनावी बिगुल फूँका। महोबा व ललितपुर की सभा में भी अखिलेश ने ताकत दिखाई। इसके बाद गुरुवार को वह झाँसी आ गए। पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ चुनावी रणनीति बनाने के बाद शुक्रवार की सुबह से ही अखिलेश ने राजनैतिक तीरन्दाजी शुरू कर दी। महानगर की सड़कों पर समर्थकों का रेला लेकर उतरे अखिलेश ने रोड शो किया। सपाइयों का हुजूम बड़ागाँव, चिरगाँव होता हुआ मोठ पहुँचा। इन तीनों स्थानों पर अखिलेश ने जनसभाएं भी कीं। राजनैतिक पण्डितों का मानना है कि विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश के इस दौरे ने बुन्देलखण्ड में सियासी आँधी खड़ी करने की कोशिश की है।

न प्रियंका पर साधा निशाना, न बसपा सुप्रीमो पर कसा सियासी तंज

3 दिन से बुन्देलखण्ड में विजय रथ यात्रा लेकर घूम रहे अखिलेश ने सिर्फ भाजपा की ही घेराबन्दी की। उन्होंने न कौंग्रेस की प्रदेश प्रभारी प्रियंका गाँधी पर निशाना साधा और न बसपा सुप्रीमो मायावती पर कोई सियासी तंज कसा। दोनों बड़े दलों के खिलाफ चुप्पी साधकर अखिलेश ने प्रदेश में अकेले विपक्ष में खड़ा होने का स्पष्ट सन्देश दिया।

सरकार के खिलाफ नारा़जगी को बनाया सियासी हथियार

बुन्देलखण्ड दौरे पर आए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यहाँ अपनी ही सियासी बिसात बिछाई और अपने ही मोहरे उछाले। अखिलेश ने प्रदेश में सपा सरकार बनने के बाद की योजना गिनाने से अधिक सरकार के ख़्िाला़फ उपजी नारा़जगी को ही हवा देने की कोशिश की। उन्होंने उन सभी मुद्दों को राजनैतिक रंग दिया, जिनसे जनता प्रभावित हुई। कभी बेरो़जगारी का मुद्दा उठाया तो कभी महँगाई को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की। कोरोना काल से लेकर नोटबन्दी तक परोसी गई समस्याओं को भी अखिलेश यादव ने खुलकर हवा दी।

फाइल : राजेश शर्मा

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