एचआइवी : उपचार सम्भव, निदान नहीं

झाँसी : एचआइवी और इसका अगला चरण एड्स - एक ऐसी घातक बीमारी जो मनुष्य के जीवन के लिए खतरा है। इनका उपच

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 07:13 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 07:13 PM (IST)
एचआइवी : उपचार सम्भव, निदान नहीं
एचआइवी : उपचार सम्भव, निदान नहीं

झाँसी : एचआइवी और इसका अगला चरण एड्स - एक ऐसी घातक बीमारी जो मनुष्य के जीवन के लिए खतरा है। इनका उपचार तो सम्भव है, लेकिन निदान नहीं। इसलिए विशेष सावधानियां ही इससे बचाव के सबसे बेहतर और सकारात्मक उपाय है।

यह है एचआइवी

एचआइवी एक ऐसा वायरस है जो कि केवल मानव शरीर में पाया जाता है। यह मनुष्य की प्रतिरोधक क्षमता को धीरे-धीरे कम करके उसे पूरी तरह नष्ट कर देता है।

बेहद घातक है एड्स

यह एचआइवी की आखिरी अवस्था है, जब शरीर रोगों से लड़ने की अपनी ताकत खो बैठता है। इसमें मनुष्य में एचआइवी के साथ-साथ एक से अधिक बीमारियों के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

ऐसे फैलता है एचआइवी

0 असुरक्षित यौन सम्बन्ध से।

0 संक्रमित रक्त या रक्त उत्पाद अथवा संक्रमित रक्त चढ़ने से।

0 एचआइवी संक्रमित माँ से उसके होने वाले बच्चे को।

0 सीरिज के इस्तेमाल के बाद उसके अगले हिस्से में संक्रमित व्यक्ति के रक्त का कुछ हिस्सा रह जाता है। उसके पुन: इस्तेमाल से संक्रमण का खतरा रहता है।

बचाव का तरीका

0 जीवन साथी के प्रति वफादारी, संयम और सुरक्षित यौन सम्बन्ध।

0 रक्त लेते समय यह सुनिश्चित करें कि रक्त एचआइवी मुक्त है।

0 हर गर्भवती माँ की एचआइवी जाँच सुनिश्चित की जाए।

0 यह सुनिश्चित करें कि इस्तेमाल की जाने वाली सीरिज नई अथवा सील बन्द हो।

ऐसे नहीं फैलता एचआइवी

0 एचआइवी सामाजिक व सामान्य मेलजोल से नहीं फैलता है।

0 हाथ मिलाने अथवा गले मिलने से।

0 एक साथ घर में रहने से।

0 कपड़ों के आदान-प्रदान से।

0 शौचालय अथवा स्वीमिंग पूल के साझा प्रयोग से।

0 साथ खाना खाने से।

0 मच्छर या कीड़ों के काटने से।

ऐसे करें एचआईवी की स्थिति का पता

0 मात्र खून की जाँच से।

0 जाँच ़िजला अस्पताल व मेडिकल कॉलिज में स्थित आइसीटीसी व पीपीटीसीटी केन्द्र, ब्लड बैंक एवं सभी पीएचसी और सीएचसी में नि:शुल्क होती है।

0 किसी प्रकार की अन्य जानकारी के लिए टोल फ्री नम्बर 1097 पर फोन कर सकते हैं।

0 प्रत्येक फोन कर्ता अथवा मरी़ज की पहचान पूरी तरह गुप्त रखी जाती है।

यह है उपचार

0 इसका उपचार है, लेकिन निदान नहीं। पूर्ण व सही जानकारी ही इसका एक मात्र बचाव है।

0 एचआइवी होने पर पूर्व में कुछ रक्त जाँचों के उपरान्त ही इसके उपचार की औषधियाँ निशुल्क दी जाती हैं, जिन्हें एआरटी (एण्टी रेट्रो वायरल ट्रीटमेण्ट) कहते हैं।

0 यह दवाएं आवश्यकता पड़ने पर मरी़ज को आजीवन खानी पड़ सकती हैं।

0 एआरटी औषधियों के सेवन के साथ मूलत: एचआइवी संक्रमित व्यक्ति अच्छा, लम्बा और स्वस्थ जीवन जी सकता है।

एचआइवी संक्रमित व्यक्ति के अधिकार

0 समान अवसर का अधिकार

0 स्वास्थ्य का अधिकार

0 घर, सम्पत्ति और विरासत का अधिकार

0 शिक्षा का अधिकार

0 सभी सरकारी व गैर सरकारी सेवाओं का अधिकार

अभी तक मिले मरी़ज

0 झाँसी ़िजले में अभी तक 1091 मरीज जाँच के बाद पाए गए हैं।

0 इनमें 45 मरी़ज जाँच के बाद दोबारा दवा लेने नहीं आए। इनकी बाद में ट्रैकिंग की गई तो पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है।

0 अभी तक झाँसी में 899 मरी़जों का इलाज किया गया। इनमें से 221 मरीजों की मौत हो चुकी है।

0 434 मरी़ज ऐसे हैं जो उपचार ले रहे हैं।

फोटो हाफ कॉलम

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इन्होंने कहा

'एचआइवी संक्रमित मरीज मेडिकल कॉलिज स्थित एआरटी सेण्टर से उपचार करा सकते हैं। इस बीमारी का उपचार सम्भव है, मगर इसका निदान नहीं। इसलिए सावधानी विशेष रूप से बरतें, ताकि इस गम्भीर बीमारी से बचा सके।'

डॉ. अनिल कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी

मदन यादव

समय- 6.45

1 दिसम्बर

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