मेडिकल कॉलिज में स्वास्थ्य सेवाएं बहाल

फोटो : 1 जेएचएस 11 झाँसी : अनशन पर बैठे जूनियर डॉक्टर असोसिएशन के पदाधिकारी व सदस्य। ::: - जूड

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 06:31 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 06:57 PM (IST)
मेडिकल कॉलिज में स्वास्थ्य सेवाएं बहाल
मेडिकल कॉलिज में स्वास्थ्य सेवाएं बहाल

फोटो : 1 जेएचएस 11

झाँसी : अनशन पर बैठे जूनियर डॉक्टर असोसिएशन के पदाधिकारी व सदस्य।

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- जूडा कर रहे मात्र ओपीडी का बहिष्कार

- अन्य सभी चिकित्सीय सेवाओं में साथ

झाँसी : काउन्सिलिंग की माँग को लेकर आन्दोलन कर रही जूनियर डॉक्टर असोसिएशन की हड़ताल का मरी़जों की संख्या पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा। ओपीडी और अन्य चिकित्सीय सेवाएं मेडिकल कॉलिज में पूर्ववत चल रही हैं और स्थितियाँ सामान्य हो चली हैं, मगर जूडा अपनी माँग को लेकर अनवरत अनशन पर बैठे हैं।

काउन्सिलिंग की माँग को लेकर 27 नवम्बर से आन्दोलन कर रहे जूनियर डॉक्टर मरी़जों की समस्याओं को देखते हुए चिकित्सीय सेवाओं में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न करने के मूड में अब नहीं दिख रहे हैं। 3 दिन तक ओपीडी बन्द रखने के बाद मंगलवार से ही ओपीडी के पर्चे बनने शुरू हो गए थे। बुधवार को भी पर्चे बने और ओपीडी में वरिष्ठ चिकित्सकों ने मरी़ज देखे। साथ ही गम्भीर मरी़जों को भर्ती भी किया गया। जूनियर डॉक्टर का कहना है कि हम केवल ओपीडी का बहिष्कार कर रहे हैं, अन्य सभी चिकित्सीय सेवाएं जैसे आकस्मिक विभाग, वॉर्ड, ऑपरेशन, इण्डोर आदि में सेवाएं दे रहे हैं, ताकि कोई भी मरी़ज परेशान न हो।

बुधवार को भी बने 970 पर्चे

ओपीडी के लिए बनने वाले पर्चे लगातार बनाए जा रहे हैं। मंगलवार को 928 पर्चे बने तो बुधवार को 970 पर्चे बनाए गए। मालूम हो कि आम दिनों में सोमवार को सबसे अधिक मरी़ज आते हैं। सोमवार को 1300 से 1400 तक मरी़ज ओपीडी में देखे जाते हैं, जबकि अन्य दिनों में 1000 से 1100 तक मरी़ज ओपीडी में चिकित्सीय सेवाएं लेने आते हैं।

फोटो हाफ कॉलम

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इन्होंने कहा

'मरीजों को किसी प्रकार भी असुविधा नहीं होने दी जा रही है। मात्र ओपीडी का बहिष्कार किया जा रहा है। बाकी सभी स्वास्थ्य सेवाओं में हम पूरा सहयोग कर रहे हैं। कुछ साथी अनशन पर बैठते हैं, और कुछ स्वास्थ्य सेवाएं देने चले जाते हैं।'

डॉ. निखिल मिश्रा, जूडा अध्यक्ष

'काउन्सिलिंग न होने से हमारे छह माह खराब हो गए। हमारे ऊपर वर्कलोड अधिक है। इस मेडिकल कॉलिज में 210 जूनियर डॉक्टर होने चाहिए थे, लेकिन काउन्सिलिंग न होने के कारण महज 140 ही हैं।'

डॉ. आजाद, जूडा सचिव

'जूनियर डॉक्टर की संख्या कम होने से हमारा काम भी प्रभावित हो रहा है और पढ़ाई भी। यदि काउन्सिलिंग सही समय पर हो जाती तो इसका लाभ सभी को होता। हम केवल ओपीडी का बहिष्कार कर सांकेतिक हड़ताल कर रहे हैं। हड़ताल को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही, जबकि हम पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं।'

डॉ. हिमांशु, जूडा उपाध्यक्ष

मदन यादव

समय- 5.40

1 दिसम्बर

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