12 की क्षमता वाले कण्टेनर में ठूँस दीं थीं 52 भैंसें

क्रूरता की पराकाष्ठा 0 रात में एक और भैंस ने दम तोड़ा, मरने वाली भैंसों की संख्या पहुँची 28 0 स्ल

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 01:00 AM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 01:00 AM (IST)
12 की क्षमता वाले कण्टेनर में ठूँस दीं थीं 52 भैंसें
12 की क्षमता वाले कण्टेनर में ठूँस दीं थीं 52 भैंसें

क्रूरता की पराकाष्ठा

0 रात में एक और भैंस ने दम तोड़ा, मरने वाली भैंसों की संख्या पहुँची 28

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झाँसी : रक्सा के पास फार्म हाउस में कण्टेनर घुसने से 28 भैंसों की मौत ने पशुओं को लेकर की जा रही क्रूरता की अलग ही कहानी गढ़ दी है। यह भैंसें कटने के लिए उनाव ले जाई जा रही थीं, लेकिन उससे पहले उन्हें यातनाओं भरा सफर कराया गया। जिस कण्टेनर की क्षमता 12 भैंसों को ले जाने की थी, उसमें 52 भैंसें भूसे की तरह ठूँस दी गई थीं।

मध्य प्रदेश के सागर से उनाव के लिए जा रहा कण्टेनर रक्सा के पास हादसे का शिकार हो गया। घटना रविवार की प्रात: लगभग 5 बजे की है। बताया गया कि 52 भैंसों को भरकर उनाव जा रहा यह कण्टेनर रक्सा के पास दीवार तोड़ता हुआ एक फार्म हाउस में घुस गया। इस हादसे में कण्टेनर में भरी 52 में से 27 भैंसों की मौत हो गई। कण्टेनर चालक मौके से फरार हो गया। जानकारी मिलते ही पुलिस व पशु चिकित्सा अधिकारी घटना स्थल पर पहुँचे। क्रेन भी मँगाई गई, जिससे कण्टेनर में फँसीं भैंसों को बाहर निकाला गया। गम्भीर रूप से घायल भैंसों का उपचार शुरू किया गया। रात को एक भैंस ने और दम तोड़ दिया। इस घटना ने पशुओं के साथ होने वाली क्रूरता की परतें उधेड़ दी हैं। पशुपालन विभाग के अनुसार कण्टेनर में 12 भैंसों को ही ले जाया जाना चाहिए था, जबकि उसमें 52 भैंसें लादी गई थीं, जिससे भैंसों की पूरे सफर में जान आफत में रही होगी। माना जा रहा है कि यह भैंसें कटने के लिए उनाव ले जाई जा रही थीं। तर्क भैंसों की उम्र और कोई बच्चा नहीं होने का दिया जा रहा है। यदि भैंसें दुधारू होतीं तो उनके साथ बच्चे भी होते। इससे स्पष्ट है कि भैंसों को काटने के लिए ही ले जाया जा रहा था, लेकिन इससे पहले उन्हें इतनी यातनाओं भरा सफर कराया गया कि आधी भैंसों ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

दम घुटने व अन्दरूनी गम्भीर चोटों से हुई मौत

हादसे में एक साथ 28 भैंसों की मौत को लेकर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. वाईएस तोमर ने तत्काल 4 चिकित्सकों का पैनल बना दिया। उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेश कुमार, पशु चिकित्सक डॉ. उदय राजपूत, डॉ. दिनेश राजपूत, डॉ. मृत्युंजय गोस्वामी ने मृत भैंसों का पोस्टमॉर्टम किया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार अधिकांश भैंसों की मौत दम घुटने व अन्दरूनी चोटों से हुई है। दम इसलिए घुटा, क्योंकि कण्टेनर में उन्हें भूसे की तरह भरा गया था।

फोटो हाफ कॉलम

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इन्होंने कहा

'रक्सा के पास भैंसों से भरा कण्टेनर फार्म हाउस में घुस गया था। हादसे में 28 भैंसों की मौत हो गई। 4 पशु चिकित्सकों के पैनल ने पोस्टमॉर्टम किया, जिससे स्पष्ट हो गया कि भैंसों की मौत दम घुटने व अन्दरूनी चोटें लगने के कारण हुई है। कण्टेनर की क्षमता 12 भैंसें ले जाने की थी, जिसमें 52 भैंसें भरी थीं। चूँकि किसी भैंस का बच्चा नहीं था, इसलिए सम्भवत: भैंसें काटने के लिए ले जाई जा रही थीं।'

0 डॉ. वाईएस तोमर

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी

फाइल : राजेश शर्मा

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