हिरण्य कश्यप की राजधानी में बनेंगे गोला-बारूद

डिफेन्स कॉरिडोर 0 भारत डायनमिक्स लिमिटेड कम्पनि को एरच में मिली 183 हेक्टेयर जमीन 0 400 करोड़ से

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 01:00 AM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 01:00 AM (IST)
हिरण्य कश्यप की राजधानी में बनेंगे गोला-बारूद
हिरण्य कश्यप की राजधानी में बनेंगे गोला-बारूद

डिफेन्स कॉरिडोर

0 भारत डायनमिक्स लिमिटेड कम्पनि को एरच में मिली 183 हेक्टेयर जमीन

0 400 करोड़ से स्थापित होगी कम्पनि

0 प्रधानमन्त्री ने रानी की जयन्ती पर किया था शिलान्यास

झाँसी : प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम की दीपशिखा वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की जयन्ती पर प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने डिफेंस कॉरिडोर की बुनियाद रख दी है। उन्होंने भारत डायनामिक्स लिमिटेड की प्रथम इकाई के रूप में शिलान्यास किया। इस कम्पनि के साथ एक और ऐतिहासिक संयोग जुड़ गया है। डिफेंस कॉरिडोर गरौठा के 5 गाँव में आकार लेगा, जबकि पहली कम्पनि को पूरी 183 एकड़ ़जमीन एरच कस्बे में ही मिली है।

वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के नाम से पहचानी जाने वाली झाँसी एक और ऐतिहासिक शौर्य गाथा लिखने जा रही है। जल्द यहाँ गोलाबारूद, मिसाइल व तोपें बनेंगी, जो देश के दुश्मनों के अरमानों को ध्वस्त करेंगी। सेना के लिए हथियार बनाने वाली भारत डायनामिक्स लिमिटेड द्वारा यहाँ 400 करोड़ रुपए का उपक्रम लगाने की तैयारी कर ली है। प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने रानी की जयन्ती पर इस कम्पनि की पहली यूनिट का शिलान्यास किया है। यह कम्पनि डिफेंस कॉरिडोर के झाँसी नोड पर काम करेगी और सेना के लिए गोला-बारूद व मिसाइल बनाएगी। कम्पनि को यूनिट स्थापित करने के लिए 183 हेक्टेयर ़जमीन आवण्टित की गई है। यह पूरी ़जमीन ऐतिहासिक नगरी एरच में दी गई है। इस नगरी का भी प्राचीन इतिहास है। दरअसल, बुन्देलखण्ड की सबसे प्राचीन नगरी एरच राजा हिरण्यकश्यप की राजधानी और भक्त प्रह्लाद की जन्म स्थली है। झाँसी गजेटियर के पृष्ठ 339 पर भी इस बात का जिक्र है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार एरच से ही होली की शुरूआत हुई है। यह कथा भी भक्त प्रह्लाद और उनकी बुआ होलिका के अग्नि स्नान से जुड़ी है। यह नगरी अब देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाएगी।

1 ह़जार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल पर आकार लेगा डिफेंस कॉरिडोर

बुन्देलखण्ड की तकदीर बदलने वाला डिफेंस कॉरिडार गरौठा के आधा दर्जन गाँव की 1050 हेक्टेयर भूमि पर आकार लेगा। यूपीडा ने योजना के लिए चिह्नित ़जमीन प्राप्त कर ली है तो अधिकांश किसानों को भी लगभग मुआवजा दिया जा चुका है। अब इन्तजार सिर्फ इकाइयों की स्थापना होने का रह गया है।

फाइल : राजेश शर्मा

chat bot
आपका साथी