हाँफती व्यवस्थाओं में कैसे होगा रात को पोस्टमॉर्टम?

0 शासन ने दिया आदेश 0 न पर्याप्त स्टाफ, न संसाधन झाँसी : हादसों में मौत होने पर शव का पोस्टमॉर्ट

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 01:00 AM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 01:00 AM (IST)
हाँफती व्यवस्थाओं में कैसे होगा रात को पोस्टमॉर्टम?
हाँफती व्यवस्थाओं में कैसे होगा रात को पोस्टमॉर्टम?

0 शासन ने दिया आदेश

0 न पर्याप्त स्टाफ, न संसाधन

झाँसी : हादसों में मौत होने पर शव का पोस्टमॉर्टम कराने के लिए रात-रातभर के इन्त़जार से मुक्ति दिलाने के लिए शासन ने अब रात में भी पोस्टमॉर्टम के निर्देश दिए हैं, लेकिन महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलिज में यह सुविधा फिलहाल नहीं मिल सकेगी। यहाँ न तो पर्याप्त स्टाफ है और न ही संसाधन। हालाँकि कॉलिज प्रशासन शासनादेश का इन्तजार कर रहा है, ताकि व्यवस्था परिवर्तन का प्रस्ताव शासन को भेजा जा सके।

दुर्घटनाओं या सन्दिग्ध परिस्थितियों में होने वाली मौत का रहस्य उजागर करने के लिए शव का पोस्टमॉर्टम किया जाता है। झाँसी में मेडिकल कॉलिज व मऊरानीपुर अस्पताल में पोस्टमॉर्टम की व्यवस्था है, लेकिन यहाँ भी संसाधनों का अभाव रहता है। अभी तक इन दोनों स्थानों पर दिन में ही पोस्टमॉर्टम किए जाते हैं। इससे कई बार लोगों को रात-रातभर इन्त़जार करना पड़ जाता है। ऐसी परिस्थितियों से मुक्ति दिलाने के लिए शासन ने रात को भी शव का पोस्टमॉर्टम करने के निर्देश दिए हैं। मेडिकल कॉलिज प्रशासन ने इस व्यवस्था को लागू करने से पहले शासन को प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर ली है।

विशेष परिस्थितियों में डीएम की अनुमति से ही रात को होता है पोस्टमॉर्टम

वैसे तो मेडिकल कॉलिज या मऊरानीपुर में रात को शव का पोस्टमॉर्टम नहीं किया जाता है, लेकिन ऐसे मामले जिनमें ़कानून-व्यवस्था बिगड़ने का खतरा होता है, उनका तत्काल पोस्टमॉर्टम किया जाता है। इसके लिए पहले जिलाधिकारी की अनुमति लेना अनिवार्य होता है।

उधार के कर्मचारियों से हो रहा पोस्टमॉर्टम

पोस्टमॉर्टम हाउस में कर्मचारियों की कमी है। 24 घण्टे पोस्टमॉर्टम करने के लिए पर्याप्त मात्रा में कर्मचारी होना चाहिये, जबकि यहाँ चौकीदार तक नहीं है। पुलिस अस्पताल से समय मिलने के बाद यहाँ तैनात स्वीपर पोस्टमॉर्टम हाउस पहुँचता है। प्रकाश व वीडियोग्राफी की कमी है। विभाग के लोगों के अनुसार यह आकस्मिक सेवा है। इसके मुताबिक 3 शिफ्ट में कार्य होना चाहिये। इसके लिए चिकित्सकों समेत 16 कर्मचारियों की आवश्कता है। यहाँ ऑपरेशन थियेटर नहीं है, जिससे अंगदान के लिए पोस्टमॉर्टम नहीं हो सकता, जिसके लिए रात में भी पोस्टमॉर्टम करना अनिवार्य होता है। रात में पोस्टमॉर्टम के लिए बुनियादी सुविधाओं के साथ कर्मचारियों की कमी को दूर करना होगा।

फाइल : दिनेश परिहार

समय : 8:30

25 नवम्बर 2021

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