पत्नी का भरण-पोषण प्रार्थना पत्र खारिज, हर्जाना भी लगाया

झाँसी : न्यायालय अतिरिक्त न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय ममता गुप्ता ने भरण-पोषण प्रार्थना पत्र में गल

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 01:00 AM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 01:00 AM (IST)
पत्नी का भरण-पोषण प्रार्थना पत्र खारिज, हर्जाना भी लगाया
पत्नी का भरण-पोषण प्रार्थना पत्र खारिज, हर्जाना भी लगाया

झाँसी : न्यायालय अतिरिक्त न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय ममता गुप्ता ने भरण-पोषण प्रार्थना पत्र में गलत तथ्य देने पर भरण-पोषण प्रार्थना पत्र खारिज करते हुए पति को 10 ह़जार रुपए हर्जाना देने के आदेश दिए।

अभियोजन पक्ष के अनुसार सोनिया आदि निवासी कस्बा थाना ऐट (जालौन) व हाल निवासी सीपी मिशन कम्पाउण्ड ने धारा 125 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत भरण-पोषण दिलाए जाने के लिए प्रार्थना-पत्र देते हुए बताया कि उसकी शादी हिन्दू रीति-रिवाज से हैप्पी उर्फ जितेन्द्र निवासी सीपी मिशन कम्पाउण्ड से 3 मार्च 2014 को हुई थी। शादी के बाद से ही उसकी सास मोटरसाइकिल की माँग करने लगी। उसके पिता ने आकर समझाया और कुछ समय बाद माँग पूरी करने को कहा। 23 अप्रैल 2016 को उसने एक पुत्री को जन्म दिया। लड़की पैदा होने के बाद ससुरालीजन उसे अस्पताल में अकेला छोड़कर चले गए। दहेज की माँग पूरी करने पर ही ससुराल लाने की बात कही। 5 मई 2016 से वह अपने माता-पिता के साथ अपनी पुत्री के साथ रह रही है। उसके पास आय का कोई जरिया नहीं है। इसके जवाब में बताया गया कि उसकी पत्नी के माता-पिता व भाइयों ने मिलकर उसके मकान पर ़कब़्जा कर लिया और उसके व्यापार के 5 लाख की पूँजी हड़प गए। प्रार्थिया ने भी कहा कि दहेज उत्पीड़न की रिपोर्ट लिखाते समय वह मायके में थी और उसके बाद वह ससुराल में आ गयी और अभी ससुराल में ही रह रही है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने माना कि केवल मोटरसाइकिल की माँग को पूरा करने के ़िजद पर अड़ा रहकर कोई अपना मकान नहीं गवाँ देगा। प्रार्थिया स्वच्छ हाथों से न्यायालय नहीं आयी है। वह कोई भी अनुतोष पाने की अधिकारिणी नहीं है। न्यायालय ने सोनिया के प्रार्थना-पत्र को 10 ह़जार रुपए हर्जा पर खारिज कर दिया। हर्जाना 10 दिन में न्यायालय में विपक्षी के नाम पर जमा करने के आदेश दिए। हर्जाना जमा नहीं करने पर वसूली के तहत धनराशि जमा कराने को कहा।

मोटरसाइकिल चोरी में एक वर्ष दस माह की स़जा

झाँसी : न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय संख्या 1 जयतेन्द्र कुमार ने चोरी आरोप सिद्ध होने पर एक वर्ष दस माह की स़जा सुनायी।

अभियोजन पक्ष की पैरवी करते हुए सहायक ़िजला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) ते़ज सिंह गौर ने बताया कि सत्यपाल सिंह निवासी सिद्धेश्वर नगर आइटीआइ ने तहरीर देकर बताया कि वह पंजाब नैशनल बैंक में सुरक्षा गार्ड है। उसने 22 जनवरी 2013 को मोटर साइकिल (यूपी 93 जी 6206) स्टैण्ड पर खड़ी कर दी। दोपहर को चोर ने मोटरसाइकिल ले गए। कोतवाली पुलिस ने धारा 379 आइपीसी के तहत अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने विवेचना के बाद आरोपी शिवम उर्फ चिलम के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। न्यायालय ने आरोप सिद्ध होने पर धारा 379 व 411 आइपीसी में 1 वर्ष 10 माह के साधारण कारावास से दण्डित किया। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी तथा जेल में बितायी गयी अवधि भी सजा में समायोजित की जाएगी।

गैंग्स्टर ऐक्ट में दोषी पाए जाने पर दो को 5-5 वर्ष की स़जा

झाँसी : न्यायालय विशेष न्यायाधीश (गैंग्स्टर ऐक्ट)/अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय संख्या 3 विकास नागर ने गैंग्स्टर ऐक्ट में दोषी पाए जाने पर दो को 5-5 वर्ष व जुर्माना की स़जा सुनायी।

अभियोजन पक्ष की पैरवी करते हुए सहायक ़िजला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) राहुल शर्मा ने बताया कि मनवीर सिंह थानाध्यक्ष बबीना ने 14 अगस्त को गश्त के दौरान किल्चवारा निवासी कौशल व कुँवर सिंह यादव का संगठित गिरोह है। इस गैंग का लीडर कौशल यादव है। यह गिरोह निजी लाभ के लिए हत्या, पुलिस मुठभेड़ आदि अपराधों को अंजाम देकर अवैध रूप से धन अर्जित करते हैं। इनके भय व आतंक से जनता को कोई भी व्यक्ति थाने में शिकायत नहीं करता। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोप सिद्ध होने पर दोनों को उत्तर प्रदेश गिरोहबन्द और समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1986 का दोषी मानते हुए 5-5 वर्ष के सश्रम कारावास व 10-10 ह़जार रुपए के जुर्माना की स़जा सुनायी। अर्थदण्ड न देने पर 6-6 माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। जेल में बितायी गयी अवधि को सजा में समायोजित किया जाएगा।

फाइल-रघुवीर शर्मा

समय-6.50

26 नवम्बर 21

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