खूब लड़ी मर्दानी वह तो..

फोटो : 28 एसएचवाई 16 ::: रानी का दीवान-ए-खास रानी महल तो आप कई बार गए होंगे, लेकिन इसकी विशेषत

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 07:48 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 07:48 PM (IST)
खूब लड़ी मर्दानी वह तो..
खूब लड़ी मर्दानी वह तो..

फोटो : 28 एसएचवाई 16

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रानी का दीवान-ए-खास

रानी महल तो आप कई बार गए होंगे, लेकिन इसकी विशेषताओं के बारे में शायद ही अधिकांश को पता हो। महल के प्रथम तल पर स्थित हॉलनुमा स्थान को 'दीवान-ए-खास' के नाम से जाना जाता है। इसमें महारानी लक्ष्मीबाई अपने खास मेहमानों और मन्त्रियों के साथ विचार-विमर्श करती थीं। इसमें एक जालीदार परदे के पीछे बैठकर रानी सभी से मुलाकात करती थीं, जबकि इसके पीछे ही रानी का शयनकक्ष था।

28 अक्टूबर को प्रकाशित प्रश्न का उत्तर

महारानी के मुख्य अंगरक्षकों में कासिम खाँ, गुल मोहम्मद, जूही, मुंजर, एवं मोतीबाई शामिल थीं। यह सभी साये की तरह हमेशा महारानी लक्ष्मीबाई के साथ रहते थे।

आज का प्रश्न : महारानी के दत्तक पुत्र का वास्तविक नाम क्या था?

(उत्तर अगले अंक में)

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फोटो : 28 एसएचवाई 19

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रानी का शयनकक्ष

रानी महल के प्रथम तल पर दीवान-ए-खास से लगा हुआ कमरा रानी का शयनकक्ष था। इस कमरे के अन्दर चारों तरफ की दीवारों को चित्रकारी से सजाया गया था। सजावट के लिए फूल-पत्तियाँ बनाने के लिए हीरे-मोती, पन्ना, माणिक्य जैसे कीमती रत्‍‌नों का प्रयोग किया गया था। अंग्रे़जों के ़कब़्जे के बाद इस कमरे में लगे कीमती रत्‍‌नों को निकाल लिया गया था। वर्तमान में अब दीवार पर उभरे छिद्र ही साक्ष्य के रूप में उपलब्ध हैं।

29 अक्टूबर को प्रकाशित प्रश्न का उत्तर

महारानी के दत्तक पुत्र का वास्तविक नाम 'आनन्द राव नेवालकर' था। झाँसी राजवंश की गद्दी पर उन्हें 'दामोदर राव' के नाम से बैठाया गया था।

आज प्रश्न : महारानी के मुख्य तोपची 'गुलाम गौस' कहाँ के रहने वाले थे?

(उत्तर अगले अंक में)

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फोटो : 28 एसएचवाई 21

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रानी की तलवार

अंग्रे़ज सैनिकों को भयभीत करने वाली रानी की तलवार अब मध्य प्रदेश के ग्वालियर में नगर निगम के संग्रहालय में उपलब्ध है। रानी अंग्रे़जों से संघर्ष करते हुए ग्वालियर पहुँचीं और यहीं वीरगति को प्राप्त हुई। रानी की यह तलवार ग्वालियर में स्वर्ण रेखा नदी के पास बाबा गंगादास की कुटिया के पास से बरामद की गई थी। बाबा गंगादास ने अपनी कुटिया में ही रानी का अन्तिम संस्कार किया था।

30 अक्टूबर को प्रकाशित प्रश्न का उत्तर

महारानी के मुख्य तोपची 'गुलाम गौस' करेरा (शिवपुरी) के रहने वाले थे।

आज का प्रश्न : महारानी के पिता मोरोपन्त ने घायल अवस्था झाँसी के किस पड़ोसी राज्य से शरण माँगी थी?

(उत्तर अगले अंक में)

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