केन्द्रीय राज्यमन्त्री ने परखी प्रधानमन्त्री की सभा की तैयारी
फोटो : 22 एसएचवाई 12 झाँसी : बाहर खण्डेराव गेट स्थित किले के मैदान में जनसभा स्थल का निरीक्षण करते
फोटो : 22 एसएचवाई 12
झाँसी : बाहर खण्डेराव गेट स्थित किले के मैदान में जनसभा स्थल का निरीक्षण करते केन्द्रीय राज्यमन्त्री।
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झाँसी : प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के महारानी लक्ष्मीबाई की जयन्ती पर 19 नवम्बर को झाँसी दौरे को लेकर तैयारी ते़ज हो गयी हैं। आज केन्द्रीय राज्यमन्त्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने प्रधानमन्त्री की जनसभा के लिए तैयार हो रहे बाहर खण्डेराव गेट स्थित किले के मैदान की तैयारियों को देखा। मेयर रामतीर्थ सिंघल ने उन्हें किले के मैदान में जनसभा की तैयारियों की जानकारी दी। मेयर ने फसाड लाइट, लाइट ऐण्ड साउण्ड शो, लैण्ड स्कैपिंग, किले के चारो तरफ बनाए जा रहे पाथ-वे आदि की जानकारी दी। इस अवसर पर स्मार्ट सिटि का कार्य कराने वाले कम्पनि के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
फोटो : 22 बीकेएस 1 व 2
झाँसी : जर्जर हालत में चाँद व दतिया गेट दरवाजा।
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एनओसी में फँसा द्वार का वैभव
0 स्मार्ट सिटि के तहत किले के 9 दरवा़जों का होना है कायाकल्प
झाँसी : महानगर के 9 हेरिटेज गेट को सुरक्षित कर उनको पुराने वैभव के साथ पुनरोद्धार करते हुए पुनर्जीवित किए जाने की योजना बनायी गयी थी, ताकि लोग झाँसी के गौरवशाली दरवाजों के इतिहास को जान सकें। इसमें पुरातत्व विभाग ने एनओसी का पेंच फँसा दिया है। यही कारण है कि दरवा़जों के कायाकल्प का काम शुरू नहीं हो सका है।
किले को ते़जी से सँवारा जा रहा है। उसके चारों तरफ लैण्डस्कैपिंग कार्य चल रहा है, तो किले की तलहटी में पार्क के साथ ही चारों तरफ फुट-वे बनाया जा रहा है। ऐसा इसलिए ताकि लोग यहाँ पर घूम सकें। इसके साथ ही किले के चारों तरफ दूधिया रोशनी के साथ ही रंग-बिरंगी फसाड लाइट लगायी जा रही है। किले के अन्दर अडवांस लाइट साउण्ड सिस्टम लगाए जा रहा है। किले की दीवारों में लगी काई को भी हटाने के साथ ही अन्य कार्य किए जा रहे हैं। किला का जहाँ कायाकल्प हो रहा है, वहीं किले को सुरक्षा प्रदान करने वाले उसके दरवा़जे बदहाली का शिकार बने हुए हैं। अनदेखी की वजह से यह दरवा़जे जर्जर होकर नष्ट होते जा रहे हैं। स्मार्ट सिटि के तहत इन दरवाजों के पुनरोद्धार की योजना तैयार की गई थी। 5.53 करोड़ रुपए की लागत से यह काम होना था। टेण्डर की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी थी, लेकिन इस काम को शुरू करने से पहले पुरातत्व विभाग से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लिया जाना जरूरी था। स्मार्ट सिटि लिमिटेड के अधिकारियों ने एनओसी के लिए आवेदन किया, लेकिन आज तक एनओसी नहीं मिल सकी। यदि समय रहते इन दरवा़जों का पुनरोद्धार नहीं किया गया तो कुछ दरवा़जे अपना अस्तित्व खो सकते हैं। दतिया गेट और चाँद दरवा़जा की हालत तो काफी खराब हो चुकी है। स्मार्ट सिटि लिमिटेड के अधिकारी केबी सिंह ने बताया कि एनओसी मिलते ही दरवाजों का काम शुरू करा दिया जाएगा।
22 नगर हवेली टिफ
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