पण्डोखर में पसरे सन्नाटे को चीरता रहा हृदय विदारक मातम

फोटो ::: 0 एक साथ निकलीं 10 शव यात्राएं 0 हाथ में बच्चों के शव देखकर बिलख पड़े ग्रामीण 0 कई ज

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 01:00 AM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 01:00 AM (IST)
पण्डोखर में पसरे सन्नाटे को चीरता रहा हृदय विदारक मातम
पण्डोखर में पसरे सन्नाटे को चीरता रहा हृदय विदारक मातम

फोटो

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0 एक साथ निकलीं 10 शव यात्राएं

0 हाथ में बच्चों के शव देखकर बिलख पड़े ग्रामीण

0 कई जनप्रतिनिधि व अधिकारी भी हुए अन्तिम संस्कार में शामिल

रामशंकर रहीस यादव

मोठ (झाँसी) : सड़क हादसे में एक ही कुटुम्ब के 11 सदस्यों की मौत का मातम आज पण्डोखर गाँव की सरहद से लेकर गलियों तक पसर गया। एक साथ 10 शव यात्राएं निकलीं। मासूम बच्चों के शव हाथ में उठाए परिजन जब श्मशान घाट की ओर बढ़े तो गाँव में पसरा गहरा सन्नाटा हृदय विदारक चीखों से तार-तार हो गया। ढाँढस बँधाने के लिए पूरा गाँव जमा था, लेकिन वह खुद को भी नहीं सँभाल पा रहे थे। कुछ जनप्रतिनिधि भी पण्डोखर गाँव पहुँचे और परिजनों को सांत्वना दी।

गौरतलब है कि झाँसी के चिरगाँव थाना क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम छिरौना में शुक्रवार को रुह कँपा देने वाला हादसा हुआ। 4 मासूम और 7 महिलाओं की मौत के बाद उनका मध्य रात्रि में ही झाँसी के मेडिकल कॉलिज में पोस्टमॉर्टम किया गया। इसके बाद ऐम्बुलेंस से 4 मासूमों व 6 महिलाओं के शवों को पण्डोखर भेजा गया, जबकि एक शव देवरी गाँव गया। रात में लगभग 2 बजे गाँव पहुँचे परिजनों के शव देख एक बार कोहराम मच गया। ऐसा लगा कि मानो काल गाँव में ही खड़ा है। शनिवार की सुबह से ही अन्तिम विदाई की तैयारियाँ शुरू की गई और 4 बच्चों व 6 महिलाओं के शव को पहूज नदी के पास ले जाकर अन्तिम संस्कार कर दिया गया, जबकि मृतका कुसुमा देवी पत्‍‌नी केशव के शव को उनके पैतृक गाँव देवरी में अन्तिम संस्कार किया गया। बच्चों के शवों को जेसीबी से गड्डा खोदकर दफनाया गया। इस दौरान भारी सुरक्षा बल तैनात रहा।

अन्तिम संस्कार में शामिल हुए नेता व अधिकारी

अन्तिम संस्कार में शामिल होने के लिए जिले व आसपास के जनप्रतिनिधि व अधिकारी भी पहुँचे। इनमें भाँडेर विधायक रक्षा सन्तराम सरोनिया, सेवड़ा विधायक घनश्याम सिंह, ़िजला पंचायत सदस्य राम किंकर सिंह गुर्जर, दतिया के पूर्व युवा कौंग्रेस के ़िजलाध्यक्ष रामू गुर्जर, सचिव मायाराम यादव, सरपंच मुन्नी देवी, उप कलेक्टर इरशाद खान, तहसीलदार सूर्यकान्त, क्षेत्राधिकारी भाण्डेर, थाना पण्डोखर प्रभारी विजय सिंह लोधी आदि उपस्थित रहे।

अनिल के पिता की मौत भी सड़क दुर्घटना में ही हुई थी

सड़क हादसे में एक ही परिवार के 5 लोगों की एक साथ मौत होने से सब कुछ बिखर गया। इस दुर्घटना में अनिल की पत्नी पूजा, माँ मुन्नी देवी, पुत्री कृषा, भतीजी परी और खुशी की मौत हुई है। अब घर की महिलाओं में केवल अनिल के भाई सुनील की पत्‍‌नी निशा ही बची है, जिसके ऊपर परिवार को सँभालने की जिम्मेदारी आ गई है। इसी परिवार ने 8 माह पहले भी ऐसा ही दु:ख झेला था। घर के अनिल के पिता मोतीलाल का पण्डोखर थाने के सामने 3 फरवरी 2021 को हुई सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था। उसके 8 माह बाद ही इस घर से 5 अर्थियाँ उठीं।

आज तक नहीं मिली प्रशासनिक सहायता

अनिल ने बताया कि 8 माह पहले हुई पिता की मौत के बाद कई बार वह तहसील व ़िजला स्तरीय अधिकारियों के चक्कर लगा चुका है, लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की प्रशासनिक मदद उसे नहीं मिली है। जहाँ भी गया, वहाँ मदद देने के बदले उससे रुपयों की माँग की गई। उसके पास देने के लिए कुछ नहीं है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे इस परिवार को शुक्रवार की घटना ने पूरी तरह तोड़ दिया।

जसवन्त के घर अब नहीं बची कोई महिला

पण्डोखर गाँव की प्रेमवती पत्‍‌नी जसवन्त भी इस हादसे का शिकार हुई है। मृतका प्रेमवती के 4 पुत्र अजय, पंकज, चन्दू और विक्रम हैं। उसके किसी भी पुत्र की अभी शादी नहीं हुई है। पूरा परिवार आपस में हँसी-खुशी से रह रहा था। जसवन्त ने बताया कि शुक्रवार की सुबह खाना बनाने के बाद दोपहर लगभग 12 बजे घर से बच्चों से यह कहते हुए निकली थी कि सब मिलकर और हँसी-खुशी से रहना। देर रात तक वह सबके साथ छिरौना में जवारे चढ़ाकर लौट आएगी और उसके बाद ही वह खाना बनाएगी। अब उनके परिवार में कोई महिला नहीं है। प्रेमवती की मौत के बाद चारों बच्चों व पति का रो-रो कर बुरा हाल है।

आँखों के सामने चीखती रही पत्‍‌नी, लेकिन नहीं बचा सका जान

दुर्घटना का शिकार हुई पुष्पा के परिवार में भी मातम है। लगभग 50 वर्ष पहले झाँसी के शाहजहाँपुर थाना क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम कण्डोर में रहने वाला पुष्पा का परिवार ससुर गोकुल प्रसाद को पण्डोखर में ़जमीन मिलने के कारण यहाँ आ गया था। पुष्पा के चार बच्चे मुकुल, आरती, अनुराधा व भावना हैं। माँ की मौत के बाद सब टूट चुके हैं। माँ उनकी हिम्मत थी। पति जानकी प्रसाद ने बताया कि वह भी ट्रॉली में था। जब दुर्घटना हुई तो न जाने कैसे सड़क पर गिर गया और पुष्पा खाई में ट्रॉली के नीचे दब गई। उसने खुद लगभग एक दर्जन लोगों को बाहर निकाला, लेकिन उसकी पत्‍‌नी पुष्पा ट्रॉली के नीचे दबी चीख-चीख कर उससे मदद माँगती रही और वह कुछ नहीं कर सका। लगभग 30 मिनट बाद आसपास के लोग व पुलिस प्रशासन पहुँचा और उसे मृत अवस्था में बाहर निकाला।

दादी के सीने से लगी थी अभि, दोनों ने एक साथ दम तोड़ा

स्व. कैलाश की पत्नी राजो की भी अपनी नातिन अभि के साथ इस दुर्घटना में मौत हो गई। राजो के दो पुत्र हैं, जिनका नाम पवन और प्रहलाद हैं। पवन गाँव में रहता है, जबकि प्रहलाद अहमदाबाद में कार्यरत है। पवन ने बताया कि बीते रो़ज जब दुर्घटना हुई तो माँ (राजो) अपनी पोती अभी को गोद में लिए बैठी थी। दोनों ने एक साथ ही दम तोड़ दिया।

3 माह पहले हुई थी सुनीता की बेटी की शादी

इस हादसे में सुनीता की भी मौत हुई है। उसकी 3 सन्तानों में दो बेटे और एक बेटी है। बेटी काजल सबसे बड़ी थी। अभी 3 माह पहले सुनीता ने उसकी शादी की थी। काजल बीते रो़ज अपनी ससुराल में थी। माँ की मौत की खबर मिलते ही वह बेसुध हो गई।

कुलदेवी को जवारे चढ़ाकर गए थे सभी

पण्डोखर निवासी देव प्रसाद ने बताया कि मन्नत पूरी होने के बाद सुनील ने जवारों की दो क्यारी बोई थी। एक क्यारी के जवारे गाँव में स्थित कुलदेवी के मन्दिर में चढ़ाए थे। दूसरी क्यारी के जवारे लेकर सभी हँसी-खुशी दो ट्रैक्टर में सवार होकर छिरौना जा रहे थे। न जाने क्या चूक हुई कि छिरौना के जवारे चढ़ने के पहले ही यह हादसा इतने लोगों को लील गया।

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