हाय महँगाई!

समरी पैरा ::: महँगाई ने अब हद पार करना शुरू कर दिया है। पेट्रोल का दाम 100 का आँकड़ा पार कर चुका

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 07:16 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 07:16 PM (IST)
हाय महँगाई!
हाय महँगाई!

समरी पैरा

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महँगाई ने अब हद पार करना शुरू कर दिया है। पेट्रोल का दाम 100 का आँकड़ा पार कर चुका हैं तो डी़जल के रेट भी इस शिखर छूने को आतुर है। इसका असर हर वस्तु पर पड़ा है। खाने-पीने से लेकर हर आवश्यक वस्तु के रेट में बड़ा उछाल आ गया है। उधर, निर्माण सामग्री के रेट भी अचानक बढ़ गए हैं, जिससे आशियाने का सपना भी महँगा हो गया है।

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अब सीमेण्ट पर गिरी 'बिजली'

0 थर्मल पावर इकाइयाँ बन्द होने से राख की उपलब्धता घटी

0 सीमेण्ट की बोरी में 30 से 40 रुपए की बढ़ोत्तरी

0 अभी और बढ़ सकते हैं दाम

झाँसी : कोयले की कमी ने अब आम नागरिकों की जेब पर भी असर डालना शुरू कर दिया है। फिलहाल इसकी मार सीमेण्ट पर पड़ी है, जिससे आशियाने का सपना महँगा होने लगा है। सीमेण्ट की बोरी के रेट 25 से 30 रुपए बढ़ चुके हैं, जबकि अभी रेट में और उछाल आने की सम्भावना बन गई है। इसकी वजह फ्लाई ऐश (राख) की कमी बताई जा रही है।

देशभर में संचालित अधिकांश थर्मल पावर प्लाण्ट में कोयले की आपूर्ति बिहार व झारखण्ड की कोयला खदानों से की जाती है। बारिश के कारण इन खदानों में पानी भरा हुआ है, जिससे कोयले की आपूर्ति प्रभावित हो गई है। इसका असर बिजली उत्पादन पर व्यापक रूप से पड़ा है। पर्याप्त कोयल न मिलने से कई यूनिट बन्द हो गई हैं तो अनेक यूनिट ़जरूरत के मुताबिक चलाई जा रही हैं। थर्मल पावर यूनिट बन्द होने से सिर्फ बिजली उत्पादन ही नहीं घटा है, इसका असर अब सीमेण्ट उत्पादन पर भी दिखने लगा है। दरअसल, सीमेण्ट बनाने में फ्लाई ऐश का प्रयोग किया जाता है। थर्मल पावर यूनिट बन्द होने से सीमेण्ट कम्पनि को पर्याप्त मात्रा में फ्लाई ऐश नहीं मिल पा रही हैं। इससे उत्पादन में कमी आई है और रेट चढ़ने लगे हैं। बताया गया है कि 3 माह पहले लगभग 300 रुपए में बिकने वाली सीमेण्ट की बोरी अब 335 रुपए पर पहुँच गई है। पारीछा थर्मल पावर प्लाण्ट की अधिकांश फ्लाई ऐश पारीछा के पास स्थापित सीमेण्ट इकाई को दी जाती है, जबकि ललितपुर के बजाज पावर प्लाण्ट की फ्लाइ ऐश सतना की सीमेण्ट कम्पनि लेती हैं। पारीछा में 2 यूनिट बन्द हो चुकी थीं, और दो से ही बिजली उत्पादन किया जा रहा था। अब एक इकाई और शुरू हो गई है, लेकिन इसका संचालन अभी कम क्षमता से किया जा रहा है।

सरिया के रेट भी उछले

आशियाना बनाने के लिए सीमेण्ट के साथ सरिया भी आवश्यक होता है, जिसके रेट भी बढ़ गए हैं। जनवरी माह में 48 रुपए किलो तक मिलने वाला सरिया अब 63 रुपए किलो पर पहुँच गया है।

बीच में बॉक्स

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यह हैं सामग्री के रेट

बालू : 60 फीट की ट्रॉली 2200 रुपए

ईट : 3800 रुपए ह़जार

सीमेण्ट : 335 रुपए बोरी

सरिया : 63 रुपए किलो

पसीने छुड़ा रहे आटा-दाल और सब़्जी के भाव

झाँसी : रसोई में लगी महँगाई की आग ने अब लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है। 3 से 4 माह में आटा, दाल, सब़्जी के साथ हर वस्तु के दाम बढ़ गए हैं। इससे आम नागरिक का बजट बिगड़ गया है। सूखे मेवे के भाव में भी काफी उछाल आ गया है। त्योहार से पहले आई इस महँगाई ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

बीच में बॉक्स

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मुख्य वस्तुओं के जनवरी और अक्टूबर के रेट

रुपये : रुपये

आटा (50 किग्रा) : 1050 : 1125

तेल फॉ‌र्च्यून (1 लिटर) : 135 : 149

सरसों (1 लिटर): 135 : 184

मसूर दाल (1 किग्रा): 63 : 87

गुड़ (1 किग्रा) : 29 : 40

शक्कर (1 किग्रा) : 35 : 41

बादाम गिरी : 610 : 850

काजू : 600 : 670

फाइल : राजेश शर्मा

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