अनदेखी की इमारत बनकर रह गए रेलवे के भवन

लोगो : अनदेखी - वसीम शेख ::: फोटो : 24 एसएचवाइ 8 जर्जर हो चुके रेलवे स्कूल की दीवारों में पड़

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 06:19 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 06:19 PM (IST)
अनदेखी की इमारत बनकर रह गए रेलवे के भवन
अनदेखी की इमारत बनकर रह गए रेलवे के भवन

लोगो : अनदेखी

- वसीम शेख

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फोटो : 24 एसएचवाइ 8

जर्जर हो चुके रेलवे स्कूल की दीवारों में पड़ी दरारें और अन्दर पड़ा कबाड़। -जागरण

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फोटो : 24 एसएचवाइ 9

खस्ताहाल हो चुका रेलवे का मुख्य मालगोदाम। -जागरण

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24 एसएचवाइ 10

लाखों रुपये खर्च कर बनाए गए स्मृति वन में उगी बड़ी-बड़ी झाड़ियाँ।

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- उद्घाटन के बाद किसी नहीं देखा स्कूल और स्मृति वन का हाल

झाँसी : आम धारणा है कि रेलवे अपने किसी भी प्रोजेक्ट को अधूरा नहीं छोड़ती और उसके पूरा होने के बाद उसकी देखभाल में भी कोई कसर नहीं रखी जाती है। लेकिन, कुछ सालों से रेलवे ने अपने रवैये में ऐसा बदलाव पैदा किया है कि जिन भवन, मालगोदाम और स्मृति वन का उद्घाटन रेलवे के बड़े-बड़े अधिकारियों ने किया था, आज वह अपने हालात पर आँसू बहा रहे हैं। रेलवे का मालगोदाम, पश्चिम रेलवे कॉलनि में बना स्मृति वन और उत्तर-मध्य रेलवे का स्कूल - अनदेखी के चलते सभी की हालत दयनीय स्थिति में पहुँच गई है। यह स्थिति तब है जबकि इन्हें बनाने में रेलवे ने लाखों-करोड़ों रुपये खर्च किए हैं।

लाखों रुपये खर्च करके बनाया गया था मालगोदाम

सीपरी बा़जार के ताँगा स्टैण्ड से पश्चिम रेलवे कॉलनि को जाने वाले मुख्य मार्ग पर बना रेलवे का मालगोदाम सालों से उपेक्षा झेल रहा है। जानकारी अनुसार जब इस मालगोदाम को बनाया गया था तब यहाँ लाखों रुपये की लागत से व्यापारियों का माल सुरक्षित रखने के लिए बड़े-बड़े वेयर हाउस बनाये गए थे। आज इनकी हालत जर्जर हो चली है। रेलवे का तर्क है कि इस गोदाम को मुस्तरा और गढ़मऊ के बीच स्थापित किया जाना है, लेकिन यह कब स्थापित होगा यह किसी को नहीं पता। रेलवे की इस अनदेखी का खामियाजा रेलवे के साथ ही व्यापारियों को भी उठाना पड़ता है। बारिश के दिनों में टीन के यह शेड सीमेण्ट और अन्य खाद्यान्न के लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं।

स्मृति वन को भुला चुका है रेलवे

30 जनवरी 2001 को रेलवे की पश्चिम रेलवे कॉलनि में लाखों रुपये खर्च कर आलीशान पार्क बनाया गया था। इस पार्क के महत्व को इसी बात से समझा जा सकता है कि स्मृति वन का उद्घाटन करने मध्य रेल मुम्बई के तत्कालीन महाप्रबन्धक राजेन्द्र नाथ, मुख्य अभियन्ता एके मेहरोत्रा और तब के झाँसी मण्डल के मण्डल रेल प्रबन्धक एके गुप्ता खुद पहुँचे थे। आज यह स्मृति वन अपनी उपेक्षा पर आँसू बहा रहा है। यहाँ का रख-रखाव तो दूर रेलवे ने उद्घाटन के बाद इस वन को मुड़ कर भी नहीं देखा।

कभी भी धराशायी हो सकता है रेलवे स्कूल

मण्डल रेलवे कार्यालय में कार्यरत रेलकर्मियों के बच्चों को प्राइमरी शिक्षा देने के उद्देश्य से रेलवे ने पश्चिम रेलवे कॉलनि में उत्तर-मध्य रेलवे प्राइमरी स्कूल का निर्माण कराया था। इसी स्कूल से पढ़कर कई छात्र आज रेलवे सहित विभिन्न महत्वपूर्ण पद पर सेवाएं दे रहे हैं। वर्तमान में यह स्कूल इतना जर्जर हो चला है कि कभी भी इसकी इमारत जमींदो़ज हो सकती है। ऐसे नहीं है कि विभाग इस बारे में जानता नहीं है, लेकिन इच्छाशक्ति की कमी और इस ओर से आँख मूँद लेना स्कूल के पतन का कारण बन चुका है। आज इस स्कूल पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा जमा लिया है।

फाइल : वसीम शेख

समय : 05 : 50

24 सितम्बर 2021

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