किसी की बीवी कर रही शक, कोई बड़ी पंचायत छिनने से परेशान

फोटो : 23 एसएचवाई 9 झाँसी : बबीना ब्लॉक कार्यालय पर कर्मचारियों की काउंसिलिंग करते मनोवैज्ञानिक व

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 01:00 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 01:00 AM (IST)
किसी की बीवी कर रही शक, कोई बड़ी पंचायत छिनने से परेशान
किसी की बीवी कर रही शक, कोई बड़ी पंचायत छिनने से परेशान

फोटो : 23 एसएचवाई 9

झाँसी : बबीना ब्लॉक कार्यालय पर कर्मचारियों की काउंसिलिंग करते मनोवैज्ञानिक व अधिकारी।

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नौकरी दे रही तनाव

0 मनोवैज्ञानिकों ने की बबीना ब्लॉक के सचिव व कर्मचारियों की काउन्सिलिंग

0 काम के बोझ ने प्रभावित कर रखी है सचिवों की ़िजन्दगी

झाँसी : सरकार की मंशा पर खरा उतरने की चुनौती, उच्चाधिकारियों के आदेशों का अनुपालन करने का दबाव और जनता की शिकवे-शिकायतें, नौकरी के कायदे-कानून ने सरकारी कर्मचारियों को तनावग्रस्त कर रखा है। बबीना ब्लॉक में शिविर आयोजित किया गया, जिसमें मनोविज्ञानिकों ने जब सचिवों व कर्मचारियों के मन-मस्तिष्क को टटोला तो कर्मचारियों ने चौंकाने वाला दर्द बयाँ किया। किसी की बीवी देर से घर आने पर शक करती है तो कोई इसलिए तनाव में है, क्योंकि उसके पर कतर दिए गए।

सरकारी नौकरी का क्रे़ज युवाओं पर सिर चढ़कर बोलता है। इसके लिए वह कड़े कॉम्पि्टशन की तैयारी करते हैं, ताकि सरकारी विभाग में अधिकारी नहीं तो कर्मचारी ही बन जाएं और ़िजन्दगी ऐश से कटे। अब हालात बदल गए हैं। सरकारी विभागों में नियुक्ति नहीं निकलने और लगातार सेवानिवृत्ति होने से विभागों में कर्मचारियों का अभाव होता जा रहा है। इससे कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ने लगा है। सरकार का फोकस ग्रामीण क्षेत्र पर है, जिनके लिए योजनाओं के ढेर लगा दिए गए हैं। इन योजनाओं को अन्तिम व्यक्ति तक पहुँचाने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत सचिवों पर रहती है, जिससे उन पर काम का बोझ काफी अधिक हो गया है और इससे उनकी रो़जमर्रा की ़िजन्दगी प्रभावित होने लगी है। पिछले दिनों ग्राम पंचायत अधिकारी संघ के अध्यक्ष जितेन्द्र मकड़ारिया व ग्राम विकास अधिकारी संघ के अध्यक्ष अदिति चौबे ने खण्ड विकास अधिकारी को पत्र लिखकर सचिवों, ग्राम विकास अधिकारियों व ब्लॉक कर्मचारियों की काउन्सिलिंग कराने का अनुरोध किया। खण्ड विकास अधिकारी अमित प्रताप सिंह ने मनोवैज्ञानिकों के माध्यम से काउन्सिलिंग कराने के लिए मण्डलीय मनोवैज्ञानिक अधिकारी को पत्र लिखा। बुधवार को ब्लॉक कार्यालय पर शिविर का आयोजन किया गया। मनोवैज्ञानिक डॉ. मनीष मिश्रा व डॉ. ललित कुमार ने सचिवों व कर्मचारियों का मन टटोला तो अन्दर दबी टीस बाहर आ गई। मनोवैज्ञानिक ने मन को सहलाते हुए सवाल पूछे तो वह दर्द भी छलका, जिसने ़िजन्दगी में तनाव का ़जहर घोल दिया है। सचिवों ने बताया कि काम का बोझ अधिक होने के कारण वह तनाव में हैं। देर रात तक घर पहुँच पाते हैं, जिससे बच्चों की देखरेख भी सही तरह से नहीं कर पा रहे हैं। किसी सचिव की पत्नी तो उनके देर से घर आने पर शक करती है और उल्टे-सीधे सवाल भी पूछती है। कोई सचिव इसलिए दु:खी है, क्योंकि उसके हाथ से बड़ी पंचायत छिन गई। दरअसल, हाल ही में ब्लॉक में कुछ नए सचिवों के आने पर कुछ सचिवों के कार्य क्षेत्र में फेरबदल किया गया है।

6 गाँव का 1 सचिव

ग्राम पंचायत अधिकारियों व सचिवों पर काम का कितना बोझ है, इसे ऐसे समझा जा सकता है कि एक सचिव पर 5 से 6 गाँव का चार्ज है। सरकार की प्रत्येक योजना को जमीन पर उतारने और पात्र लाभार्थी तक उसका लाभ पहुँचाने का उत्तर दायित्व सचिव पर ही होता है। ऐसे में सचिव चकरघिन्नी बन गए हैं। कुछ ऐसा ही हाल ब्लॉक कार्यालय पर कार्यरत कर्मचारियों का भी है।

इन्होंने कहा

'ग्राम पंचायत सचिव व अधिकारी संघ के अध्यक्षों के अनुरोध पर कर्मचारियों की मनोवैज्ञानिकों के माध्यम से काउन्सिलिंग कराई गई। मनोवैज्ञानिकों ने कर्मचारियों को तनाव मुक्त रहने के कई टिप्स दिए।'

0 अमित प्रताप सिंह

खण्ड विकास अधिकारी, बबीना

फाइल : राजेश शर्मा

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