चिरगाँव से पकड़े गए पुष्पक और इन्दौर-पटना एक्सप्रेस के लुटेरे

फोटो : 23 जेएचएस 1 झाँसी : ट्रेन लूट का खुलासा करते एसपी जीआरपी, आरपीएफ कमाण्डेण्ट व जीआरपी सीओ।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 07:39 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 07:39 PM (IST)
चिरगाँव से पकड़े गए पुष्पक और इन्दौर-पटना एक्सप्रेस के लुटेरे
चिरगाँव से पकड़े गए पुष्पक और इन्दौर-पटना एक्सप्रेस के लुटेरे

फोटो : 23 जेएचएस 1

झाँसी : ट्रेन लूट का खुलासा करते एसपी जीआरपी, आरपीएफ कमाण्डेण्ट व जीआरपी सीओ।

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ट्रेन लूटने के बाद मनाई थी पार्टी

- उरई के सर्राफा व्यापारी के पास बेचने गए थे रेलयात्रियों से लूटे गए जेवर

- मोबाइल फोन लोकेशन और सर्राफ की मदद से पकड़े गए खानाबदोश आरोपी

- लूटकाण्ड का मास्टर माइण्ड 3 साल पहले भी कर चुका है लूट का प्रयास

झाँसी : बीते माह झाँसी-कानपुर मार्ग पर हुए ट्रेन लूट काण्ड के बाद जीआरपी और आरपीएफ ने लुटेरों की तलाश में दिन-रात एक कर दिया था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर हरियाणा और राजस्थान की खाक छानने के बाद भी पुलिस टीम निराशा की ओर बढ़ रही थीं। इसी बीच उरई से एक आशा की किरण दिखी और जीआरपी ने चिरगाँव से लूट में शामिल तीन लुटेरों को उनकी मोबाइल फोन लोकेशन की मदद से धर दबोचा। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनके घर शादी थी, जिसमें खर्च के लिए उन्होंने लूट को अंजाम दिया था और लूटा गया जेवर उरई के सर्राफ को बेचने पहुँचे थे। पकड़े गए अभियुक्तों में से मुख्य आरोपी 3 साल पहले भी पटरी पर सिक्का रखकर ट्रेन को लूटने का प्रयास कर चुका है।

गुरुवार को एसपी जीआरपी मोहम्मद इमरान, मण्डल रेल सुरक्षा आयुक्त आलोक कुमार व सीओ जीआरपी नईम खान मंसूरी ने संयुक्त प्रेसवार्ता में लूट काण्ड का खुलासा किया। 23-24 अगस्त की मध्यरात्रि में पटना-इन्दौर एक्सप्रेस को सरसौकी और लखनऊ-मुम्बई पुष्पक एक्सप्रेस को पारीछा रेलवे स्टेशन के पास पटरी पर सिक्का रखकर रोका गया था। वहीं, कॉलिंग सिग्नल को मिट्टी और कपड़े की मदद से ढक कर ट्रेन में लूट की गई थी। यह पहली बार था जब दो दिन में जीआरपी और आरपीएफ को चुनौती देते हुए लुटेरों ने एक ही मार्ग की दो ट्रेन में इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया हो। झाँसी से प्रयागराज और प्रयागराज से लखनऊ, रेल सुरक्षा से जुड़े सभी बड़े अधिकारियों मामले का संज्ञान लेते हुए लुटेरों की धर-पकड़ के लिए 15 टीम गठित की थीं। इनमें आगरा सर्वेलन्स और मुरादाबाद से अतिरिक्त जीआरपी जवान शामिल रहे। यह टीम लुटेरों की तलाश में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों सहित हरियाणा की टोहना गैंग से भी पूछताछ कर चुकी थी, लेकिन एक माह की तलाश के बाद भी पुलिस के हाथ खाली थे। इसी बीच जीआरपी को सूचना मिली कि उरई के एक सर्राफा व्यापारी के पास कुछ लोग सोने के जेवर बेचने आए हैं। टीम ने सर्राफा व्यापारी से पूछताछ में पाया कि जो जेवर उक्त घटना के रेलयात्रियों से लूटे गए थे, वही हैं। इसके बाद जीआरपी, आरपीएफ क्राइम ब्रांच और आरपीएफ की टीम ने सर्वेलन्स का सहारा लेते हुए चिरगाँव से लूटकाण्ड में शामिल 3 अभियुक्त जयप्रकाश, बादल, व आ़जाद निवासी खजाँची डेरा चिरगाँव को धर दबोचा। एक अन्य अभियुक्त भानसिंह फरार है। पकड़े गए अभियुक्तों से लूटे गए जेवरात के साथ घटना में उपयोग की गई 2 मोटरसाइकिल व लूटे गए 2 मंगलसूत्र, 1 कान की बाली, जेवर बेचकर जुटाए 3,720 रुपये ऩकद बरामद कर लिए हैं। घटना का खुलासा करने के लिए झाँसी और उरई में अलग-अलग टीम का गठन किया गया था। पकड़े गए अभियुक्तों के विरुद्ध गैंगस्टर की कार्यवाही की जा रही है। एसपी जीआरपी ने लुटेरों की गिरफ्तारी करने वाली टीम को 5 हजार का पुरस्कार देने की घोषणा की है।

लूट सफल रहने पर लुटेरों ने जमकर पी थी शराब

पहले इन्दौर-पटना एक्सप्रेस और फिर पुष्पक एक्सप्रेस में लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद लुटेरों ने अपने मंसूबे कामयाब होने के बाद अपने डेरे पर जाकर जमकर शराब की पार्टी की थी। इसका फोटो उनके मोबाइल फोन से बरामद किया गया है। हालाँकि लुटेरे लूट के समय स्मार्ट फोन लेकर नहीं गए थे। उन्हें डर था कि स्मार्ट फोन से पुलिस उन तक पहुँच जाएगी। घटना स्थल पर उनके पास की-पैड वाला मोबाइल फोन मौजूद था। उन्हें गुमान था कि की-पैड वाला मोबाइल पुलिस ट्रैस नहीं कर सकेगी।

शादी के लिए की थी ट्रेन में लूट

रेल सुरक्षा बल के लिए सिर दर्द बने लूट काण्ड के आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उनके घर में शादी थी। इसके चलते उन्होंने ट्रेन में लूट करने की योजना बनाई। वारदात से पहले चारों आरोपियों ने कानपुर-झाँसी मार्ग पर चलने वालीं ट्रेन का टाइम टेबल पता किया। इसके बाद योजना बनाई कि सरसौकी में इन्दौर-पटना और पारीछा में पुष्पक एक्सप्रेस को लूटेंगे। वह अपने मंसूबे में सफल भी हुए, लेकिन पुलिस की सक्रियता के चलते लूट का सामान बेचने की हिम्मत नहीं जुटा सके। जब उन्हें लगा कि मामला ठण्डा हो गया है तो वह सर्राफा व्यापारी के पास जेवर लेकर पहुँचे और उसे गलाकर शादी के लिए दूसरे जेवर बनाने के लिए कहा। बाकी के जेवर के बदले उन्होंने ऩकद पैसा ले लिया था।

जयप्रकाश पहले कर चुका लूट का प्रयास

लूट काण्ड का मुख्य आरोपी जयप्रकाश काफी शातिर किस्म का व्यक्ति है और वह इस घटना से पहले ऐसी ही एक घटना को अंजाम दे चुका है। साल 2018 में उसने इसी रेलमार्ग पर पटरी पर सिक्का रखकर लूट का प्रयास किया था, लेकिन सफल नहीं हो सका था।

सिम बदलकर करते रहे गुमराह

जीआरपी के एसपी मोहम्मद इमरान ने बताया कि खानाबदोश की तरह रहने वाले यह अभियुक्त कई सिम का प्रयोग करते थे। जयप्रकाश ने जो सिम अपने नाम ली थी, वह कोई ओर चला रहा था। वहीं, ऐसे ही अन्य अभियुक्तों ने भी किया कि अपने नाम पर सिम ली और डेरे की महिलाओं को चलाने को दे दी और उनकी सिम अपने मोबाइल फोन में डाल ली थी।

10 रेलयात्रियों को बनाया था निशाना

दो ट्रेन में लूट की घटना को अंजाम देने वाले बदमाशों ने पुष्पक और पटना-इन्दौर एक्सप्रेस के लगभग 10 यात्रियों से लूट करने का प्रयास किया था। लेकिन ट्रेन के बाहर होने के चलते लुटेरे अन्दर बैठे यात्रियों से लूट नहीं कर पाए थे। पकड़े गए लुटेरों की पहचान पुख्ता करने के लिए जीआरपी ने लूट का शिकार हुए यात्रियों से कराई है।

खुलासे में इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका

लूटकाण्ड का खुलासा करने के लिए जीआरपी एसपी मोहम्मद इमरान और रेल सुरक्षा आयुक्त आलोक कुमार ने खुद कमान सँभाल रखी थी। वहीं, लुटेरों को गिरफ्तार करने वालों में जीआरपी थाना प्रभारी सुनील कुमार सिंह, आरपीएफ क्राइम ब्रांच प्रभारी एसएन पाटीदार, जीआरपी थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह, राजीव कुमार, सर्वेलन्स प्रभारी राजीव कुमार, उप निरीक्षक जीआरपी झाँसी सन्दीप कुमार, नवीन कुमार तिवारी, उरई जीआरपी उप निरीक्षक जयलाल, झाँसी आरपीएफ उप निरीक्षक रविन्द्र कुमार राजावत, हेड कौंस्टबल राजीव कुमार, पंकज कुमार, प्रदीप कुमार, अजमत उल्लाह, अमित कुमार, रमेश शुक्ला, मोहम्मद माजिद, कौंस्टबल हिमांशु त्रिपाठी, विकास सेंगर, मुकेश कुमार, अवधेश कुमार, धर्म सिंह मीणा व दीपक गुप्ता शामिल रहे।

फाइल : वसीम शेख

समय : 07 : 20

23 सितम्बर 2021

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