अब 'का़ग़जी बच्चे' नहीं खा सकेंगे आँगनबाड़ी केन्द्र का पोषाहार!

0 आधार कार्ड दिखाने पर ही मिल सकेगा खाद्यान्न 0 पोर्टल पर भी अपलोड किए जा रहे आधार नम्बर झाँसी :

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 01:00 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 01:00 AM (IST)
अब 'का़ग़जी बच्चे' नहीं खा सकेंगे आँगनबाड़ी केन्द्र का पोषाहार!
अब 'का़ग़जी बच्चे' नहीं खा सकेंगे आँगनबाड़ी केन्द्र का पोषाहार!

0 आधार कार्ड दिखाने पर ही मिल सकेगा खाद्यान्न

0 पोर्टल पर भी अपलोड किए जा रहे आधार नम्बर

झाँसी : आँगनबाड़ी केन्द्र पर बच्चों का क़ग़जी पंजीकरण कराकर पोषाहार गटकना अब आसान नहीं होगा। फर्जीबाड़े पर रोक लगाने के लिए शासन ने पोषाहार वितरण के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया है। पोर्टल पर भी बच्चों व महिला लाभार्थियों का डेटा व आधार नम्बर अपलोड किए जा रहे हैं। आधार नहीं होने पर पार्षद या प्रधान की संस्तुति लेनी होगी।

़गरीब बच्चों को शिक्षा का ककहरा सिखाने और कुपोषण से मुक्त कराने के लिए शासन द्वारा आँगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से नियमित पोषाहार का वितरण किया जाता है। इसके साथ ही गर्भवती व धात्री महिलाओं को भी पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाता है, ताकि जन्म लेने वाला बच्चा कुपोषण का शिकार न हो। पर, यह व्यवस्था अक्सर सवालों में खड़ी रही है। आरोप लगाए जाते हैं कि आँगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों का फर्जी पंजीकरण दर्शाकर उनके नाम का पोषाहार प्राप्त कर लिया जाता है, जिसे बा़जार में बेच दिया जाता है। पहले सरकार द्वारा पंजीरी उपलब्ध कराई जाती थी, तब पशुपालकों को पंजीरी बेचने के अनेक मामले पकड़ में भी आए। अब सरकार द्वारा खाद्यान्न का प्रकार व मात्रा बढ़ा दी है। पर, इसकी निगरानी का प्रबन्ध भी कर दिया है। सरकार ने अब आँगनबाड़ी केन्द्रों से वितरित किए जाने वाले पोषाहार के लिए लाभार्थी का आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है। यदि किसी के पास आधार कार्ड नहीं है तो उन्हें पार्षद या सम्बन्धित गाँव के प्रधान की संस्तुति दिखानी होगी। शासन स्तर पर बच्चों व लाभार्थी महिलाओं का डेटा अपलोड किया जा रहा है, जिसमें आधार नम्बर भी लिया जा रहा है। इससे पोषाहार में होने वाले ़फ़र्जीबाड़े पर पूरी तरह से विराम लग जाएगा।

बच्चों के माता-पिता को दिखाना होगा आधार

आँगनबाड़ी केन्द्र पर 6 माह से 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों का पंजीकरण किया जाता है। चूँकि अधिकांश लोग छोटे बच्चों का आधार कार्ड नहीं बनवाते हैं, इसलिए शासन ने इनके माता-पिता में से किसी एक का आधार नम्बर दिखाने पर पोषाहार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

बॉक्स में

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आँकड़े एक ऩजर में

जनपद में आँगनबाड़ी केन्द्र : 1,379

6 माह से 3 वर्ष के बच्चे : 53,854

3 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चे : 34,093

गर्भवती व धात्री महिलाएं : 22,161

इतना खाद्यान्न मिलता है

6 माह से 3 वर्ष के बच्चों को : 1 किलोग्राम दलिया, 1 किलोग्राम चावल, 1 किलोग्राम चना दाल, 455 ग्राम खाद्य तेल।

3 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चों को : 500 ग्राम दलिया, 500ग्राम चावल, 500 ग्राम चना दाल।

गर्भवती, धात्री महिला व स्कूल छोड़ चुकीं किशोरियों को : 1.50 किलोग्राम दलिया, 1 किलोग्राम चावल, 1 किलोग्राम चना दाल, 455 ग्राम खाद्य तेल।

अतिकुपोषित बच्चे (6 माह से 6 वर्ष तक) : 1.50 किलोग्राम दलिया, 1.50 किलोग्राम चावल, 2 किलोग्राम चना दाल, 455 ग्राम खाद्य तेल।

फोटो हाफ कॉलम

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इन्होंने कहा

'आँगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से 3 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों तथा गर्भवती व धात्री महिलाओं को पोषाहार उपलब्ध कराया जाता है। शासन ने अब इसके लिए आधार को अनिवार्य कर दिया है। आधार नम्बर की ऑनलाइन अपलोडिंग भी की जा रही है। यदि किसी के पास आधार नहीं है तो सम्बन्धित वॉर्ड के पार्षद अथवा गाँव के ग्राम प्रधान से संस्तुति कराना होगी।'

0 नरेन्द्र कुमार

़िजला कार्यक्रम अधिकारी

फाइल : राजेश शर्मा

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