कवि जन्म लेता है, बनाया नहीं जा सकता : शुक्ल

फोटो 22 बीकेएस 3 झाँसी : राजकीय संग्रहालय में नवोदित लेखक सम्मेलन में दीप प्रज्ज्वलित करते अतिथि।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 08:21 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 08:21 PM (IST)
कवि जन्म लेता है, बनाया नहीं जा सकता : शुक्ल
कवि जन्म लेता है, बनाया नहीं जा सकता : शुक्ल

फोटो 22 बीकेएस 3

झाँसी : राजकीय संग्रहालय में नवोदित लेखक सम्मेलन में दीप प्रज्ज्वलित करते अतिथि। -जागरण

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फोटो 22 बीकेएस 2

विचार व्यक्त करते नवोदित लेखक।

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- नवोदित लेखक सम्मेलन में राज्यमन्त्री कुशवाहा ने दी अध्ययन की सीख

झाँसी : आ़जादी के अमृत महोत्सव एवं चौरी चौरा शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में 'द झाँसी राइटर्स' के तत्वावधान में नवोदित लेखकों के सम्मेलन 'झकार' का आयोजन राजकीय संग्रहालय में पूर्व शिक्षा मन्त्री व हिन्दी साहित्य भारती के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष रवीन्द्र शुक्ल के मुख्य आतिथ्य तथा राज्यमन्त्री हरगोविन्द कुशवाहा की अध्यक्षता में किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ने कहा कि कवि जन्म लेता है, उसे बनाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि अक्षर का कभी क्षय नहीं होता। वह ब्रह्माण्ड में सदैव अजर-अमर रहता है। राज्यमन्त्री हरगोविन्द कुशवाहा ने नवोदित लेखकों को अध्ययन की सीख देते हुये कहा कि जीवन में हमें रामचरितमानस से बेहतर दिशा-निर्देशन कहीं नहीं मिल सकता। इस ऐतिहासिक धरा की कविता ओजपूर्ण होनी चाहिए। इस साहित्यिक धरोहर का अध्ययन करते हुए नवोदित लेखक और कवि आगे बढ़ेंगे तो बुन्देली धरा का नाम रोशन करेंगे। विशिष्ट अतिथि बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के असोसिएट प्रोफेसर मुन्ना तिवारी ने कविता क्यों, क्या और कैसे लिखनी चाहिए, इसका विश्लेषण किया। कवि अर्जुन सिंह 'चाँद' ने अपनी कविता में पश्चिमी सभ्यता के इतर भारतीय संस्कृति व हिन्दी को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। विशिष्ट अतिथि मैथिलीशरण मुद्गिल, एसके दुबे, चन्द्रकान्त यादव, निर्मल यादव ने भी विचार व्यक्त किए। सम्मेलन में शिवागी शर्मा और दीपू वर्मा ने झाँसी राइटर्स की अब तक की यात्रा का विवरण दिया। आलोक अज्ञानी, आशुतोष चौबे ग्वालियर, दीपेन्द्र, हेमन्त खरे, मृगेन्द्र अग्रवाल, नमन भारत, पारुल गुप्ता, पूनम, प्रतीक्षा गुप्ता, रुचिका श्रीवास्तव, आयुष श्रीवास्तव, शुभम यादव, उदित उपाध्याय, वन्दना दोहरे, अनमोल दुबे, जिज्ञासा द्विवेदी, विवेक उन्मुक्त आदि नवोदित लेखकों ने रचनाएं प्रस्तुत कीं। इस अवसर पर मोहन नेपाली, सोनिया पाण्डे, वैभव सिंह, दीपक त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे। महेश पटैरिया ने संचालन व आलोक पचौरी ने आभार व्यक्त किया।

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