आपे चोर को 3 वर्ष सश्रम कारावास की स़जा

झाँसी : न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या 2 विजय कुमार वर्मा प्रथम ने शिवशंकर साहू उर्फ शिब्बू

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 08:01 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 08:01 PM (IST)
आपे चोर को 3 वर्ष सश्रम कारावास की स़जा
आपे चोर को 3 वर्ष सश्रम कारावास की स़जा

झाँसी : न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या 2 विजय कुमार वर्मा प्रथम ने शिवशंकर साहू उर्फ शिब्बू को चोरी का आरोप सिद्ध होने पर 3 वर्ष तथा जुर्माने की स़जा सुनायी।

अभियोजन पक्ष की पैरवी करते हुए सहायक ़िजला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) देवेन्द्र पांचाल ने बताया कि आमोद कुमार यादव ने 6 मार्च 2017 को थाना जीआरपी में रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह 1 मार्च 2017 को अपनी आपे (यूपी 93 एटी 8604) को रेलवे स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में खड़ी कर स्टेशन से सवारी लेने के लिए गया था। वापस आया, तो उसकी गाड़ी वहाँ पर नहीं थी। जीआरपी ने धारा 379, 411, 420 आइपीसी के तहत मु़कदमा दर्ज कर लिया। विवेचना के दौरान आपे शिवशंकर साहू निवासी नरइयापुरा बेलाताल थाना कुलपहाड़ (महोबा) के कब़्जे से रिसाला चुंगी के आगे मऊरानीपुर रोड पर बरामद हुई। पुलिस ने शिवंशकर साहू के साथ उसके साथी जमाल खान निवासी मौदहा (हमीरपुर) को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोप पत्र अदालत में पेश किया। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद शिवशंकर साहू उर्फ शिब्बू को आइपीसी की धारा 379 व 411 में 3-3 वर्ष सश्रम कारावास तथा 5-5 ह़जार रुपए अर्थदण्ड, अर्थदण्ड न देने पर 3 माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। सभी स़जाएं एक साथ चलेंगी और जेल में बितायी अवधि स़जा में समायोजित होगी। न्यायालय ने धारा 413, 420 आइपीसी में दोष मुक्त कर दिया।

फर्जी दस्तावे़ज बनाने के आरोपी की जमानत याचिका खारिज

झाँसी : न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय संख्या 1 जयतेन्द्र कुमार ने धारा 420 के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी।

अभियोजन पक्ष की पैरवी करते हुए सहायक ़िजला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) ते़ज सिंह गौर ने बताया कि अंकित खरे ने 23 सितम्बर 2019 को तहरीर दी कि साईबाबा मन्दिर के संचालक दुर्गा प्रसाद व उनके पुत्र आशीष शर्मा, पत्नी सविता शर्मा व पुत्री संजू, मंजू शर्मा व आशीष के रिश्तेदार आदित्य राज शर्मा से जान-पहचान हो गयी। इन लोगों ने अपने परिचित भूपेन्द्र चौधरी (मथुरा), जो केन्द्रीय मन्त्री के पीए हैं, से नौकरी लगवाने की बात कही। वह बेरो़जगार था, इस पर भरोसा कर अपने रिश्तेदार आदेश खरे से 1 लाख रुपए लेकर 22 अक्टूबर 2018 को आशीष शर्मा व उनके रिश्तेदारों को दिलवा दिए। कुछ दिन बाद आबकारी विभाग में नौकरी नहीं लग पाने पर रेलवे में नौकरी दिलाने की बात कही और 2 लाख रुपए और देने की बात कही। उसने 10 फरवरी 2019 को यह राशि भी दे दी। पुलिस ने सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी करने तथा एफसीआइ की नियुक्ति के ़फ़र्जी दस्तावे़ज तैयार करने का मु़कदमा दर्ज कर लिया। न्यायालय ने आदित्यराज शर्मा के जमानत प्रार्थना-पत्र पर सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों को सुनने के बाद खारिज कर दिया।

फाइल-रघुवीर शर्मा

समय-7.20

18 सितम्बर 21

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